पायल और बिछिया का महत्व – शादी के बाद पायल और बिछिया क्यों पहने जाते हैं?

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पायल और बिछिया का महत्व - शादी के बाद पायल और बिछिया क्यों पहने जाते हैं

शादी के बाद हर लड़की कई तरह के गहने पहनती है, उन सभी गहनों में से पैरों में पायल तथा बिछिया पहनने का विशेष महत्व है। इन दोनों जेवरों का केवल पारम्परिक रिवाज़ ही नहीं है बल्कि वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। आज हम अपने आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि शादीशुदा औरतें के पैरों में पायल और बिछिया क्यूँ पहने जाते हैं। शादी होने के बाद लड़कियों की जिम्मेवारी बढ़ जाती है, और चाहे पहरावे में बहुत से बदलाव आ गए हैं मगर रिवाज़ आज भी पुराने ही हैं।

क्या होता है पायल और बिछिया का महत्व?

हिंदु धार्मिक मान्यता के अनुसार पायल और बिछिया सुहाग की निशानी हैं तथा इन्हें पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। आईए जानते हैं पायल और बिछिया का महत्व के बारे में:

पायल और बिछिया - पायल और बिछिया का महत्व

क्यूँ पहनी जाती है पायल?

शादी के बाद पैरों में पहनने वाले गहनों में से सबसे ज्यादा पहनने वाला गहना पायल है। आजकल एक पैर की पायल का भी स्टाइल है जिसे वेस्टर्न कपड़ों के साथ फना जाता है। सबसे पहले जानते हैं कि शादी के बाद पैरों में पायल पहनने के क्या क्या होता है।

फैशन-

पैरों में पायल पहनना तो अब फैशन में है, शादी से पहले ही कुछ लड़कियां पायल पहनना शुरू कर देती हैं। शादी के बाद पायल पहनना एक सुहागन की सभी निशानियों में से एक है।

बढ़ती है पैरों की ख़ूबसूरती-

पायल पहनने से पैर सुंदर लगने लगते हैं तथा इसकी मधुर आवाज़ कानों को सकून देती है।

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वैज्ञानिक पहलू-

इसके साथ साथ पायल पहनने का वैज्ञानिक महत्व भी है जोकि काफी हैरान कर देने वाला है। दरअसल, पैरों में चांदी की पायल पहनने से हड्डियां मजबूत होती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब पायल पैरों में रगड़ती है तो चांदी के तत्व त्वचा से होकर पैरों तथा शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

सूजन से छुटकारा-

शादी के बाद खासकर प्रेग्नेंसी के समय में अगर किसी महिला के पैरों में सूजन आ जाती है तो पायल पहनने से वो सुजन भी दूर हो सकती है।

दूर होती है नकारात्मक उर्जा-

ऐसा भी माना जाता है कि पायल की धातू में इच्छा शक्ति को उत्पन करने की ताकत होती है। यही ताकत महिलाओं के आस पास की नकारात्मक एनर्जी को दूर रखने में सहायक होती है।

क्यूँ पहने जाते हैं बिछिया?

बिछिया पहनने का रिवाज़ दोनों पैरों की उँगलियों में है। आम तौर पर महिलाएं दाएं और बाएं पैर की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहनती हैं। जब लड़की कि शादी होती है उस समय कई धर्मों में कन्यादान के समय दुल्हन को बिछिया पहनाने का रिवाज़ है। आईए जानते है पैरों में बिछिया पहनने के कुछ रोचक तथ्य:

बिछिया - पायल और बिछिया का महत्व

सोलह श्रृंगार का हिस्सा है बिछिया-

बिछिया पहनना औरत के सुहागन होने का प्रतीक है तथा साथ ही शास्त्रों के अनुसार बिछिया को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। जब महिला बिछिया पहन कर घर में प्रवेश करती है तो माँ लक्ष्मी भी साथ में घर में प्रवेश करती है।

प्रजनन क्षमता को मजबूत करता है

पैरों की उँगलियों में बिछिया पहनने से महिलाओं के गर्भास्य का रक्तचाप नियंत्रण में रहता है तथा साथ ही उनकी प्रजनन क्षमता भी बढ़ती है।

बिछिया पहनने का वैज्ञानिक कारण-

बिछिया पहनने से नकारात्मक उर्जा हमेशा के लिए दूर रहती है। इस वजह से मन हमेशा खुश रहता है तथा खुश मन से शरीर भी स्वस्थ्य रहता है।

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बिछिया पहनने से होता है एक्यूप्रेशर-

पैरों की उँगलियों पर बिछिया पहनने से प्रेशर पड़ता है, तथा ये साइटिका नर्व में दबाव रहता है, इसलिए बिछिया एक्यूप्रेशर का काम करता है। इसके साथ ही इस वजह से यूटेरस, आंत तथा ब्लैडर का रक्त प्रवाह कंट्रोल में रहता है। इसकी वजह से उनकी महावारी भी नियंत्रण में रहती है।

पति की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करता है-

ये भी मान्यता है कि हर सुहागन को अपनी ऊँगली में बिछुआ जरुर पहनना चाहिए। ऐसा करने से उसके पति की आर्थिक व्ययवस्था में हमेशा बढ़ावा होता रहता है।

आज हमने आपको पैरों के दो आभूशनों के बारे में विस्तार में बताया है कि पायल तथा बिछिया पहनने से क्या होता है? उम्मीद है आपको हमारा आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा। हम महिलाओं के लिए हमेशा कुछ न कुछ नया लेकर आते रहते हैं और हमेशा आपको नई जानकारी देते रहेंगें।

पायल तथा बिछिया पहनने के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न

  • बिछिया कितनी पहननी चाहिए?
    बाज़ार में पैर की पांचों उँगलियों के लिए बिछिया आती हैं। आप कितनी उँगलियों में पहनना चाहते हैं ये निर्णय आपका है। अब तो पैर के अंगूठे की बिछिया भी आती है। आमतौर पर महिलाएं पैर की दूसरी तथा तीसरी ऊँगली में बिछिया पहनती हैं।
  • एक पैर में पहनने वाली पायल को क्या कहते हैं?
    वैसे तो पायल दोनों पैरों में पहनी जाती है, मगर आजकल एक पेअर में पायल पहनने का फैशन चल पड़ा है। इसे सिंगल एंकलेट कहा जाता है।
  • बिछिया किस दिन पहनना चाहिए?
    बिछिया सुहाग की निशानी है इसलिए उसे शादी के दिन कन्यादान के समय पहनना चाहिए। इसके इलावा कई धर्मों के रिवाज के मुताबिक इसे शादी वाले दिन होने वाली सांत के समय भी लड़की के मामा की तरफ से पहनाया जाता है।
  • क्या सोने की पायल या बिछुआ पहन सकते हैं?
    सोने को शास्त्रों में माँ लक्ष्मी का रूप बताया गया है, ये भी माना जाता है कि अगर कमर के नीचे सोना पहनने से माँ लक्ष्मी नाराज़ हो जाती हैं। इसलिए पायल तथा बिछिया हमेशा चांदी का ही पहनना चाहिए।
  • पैर में पायल क्यूँ पहनी जाती है?
    ऐसा माना जाता है कि पायल में लगे घुंघुरूओं से निकलने वाली आवाज जब वातावरण में गूंजती है तो इसे धारण करने वाले को हमेशा पॉजिटिव एनर्जी मिलती रहती है।

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