Love Marriage in India: क्या भारत में प्रेम विवाह एक अपराध है?

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Love Marriage in India

Love Marriage in India: भारत में प्रेम विवाह एक सामाजिक और कानूनी मुद्दा है। भारत में प्रेम विवाह को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है, लेकिन कुछ मामलों में इसे अपराध माना जा सकता है।

Love Marriage in India:

भारत में प्रेम विवाह/ लव मैरिज (Love Marriage in India) एक आम घटना है। कई लोग अपने प्रेमी या प्रेमिका से शादी करना चाहते हैं, भले ही उनके परिवार उनकी सहमति न दें। लेकिन क्या प्रेम विवाह भारत में एक अपराध है?

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प्रेम विवाह का अर्थ (Meaning of Love Marriage)

प्रेम विवाह/ लव मैरिज का अर्थ दो व्यक्तियों के बीच एक ऐसा विवाह है जो प्रेम के आधार पर होता है। यह विवाह परिवारों या समाज द्वारा तय नहीं किया जाता है, बल्कि यह दोनों व्यक्तियों की अपनी पसंद और इच्छा के आधार पर होता है।

प्रेम विवाह का अर्थ (Love Marriage Meaning) यह भी है कि दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और समझते हैं। वे एक-दूसरे के साथ अपना जीवन बिताने के लिए तैयार हैं।

प्रेम विवाह के अन्य नाम (Other Name of Love Marriage)

प्रेम विवाह को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि:

  • स्वेच्छा विवाह
  • इच्छा विवाह
  • लव मैरिज
  • प्रेम के आधार पर विवाह
  • परस्पर सहमति से विवाह
  • प्रेम से ब्याही गई शादी
  • प्रेम के लिए विवाह

इन नामों का अर्थ एक समान है। वे सभी इस बात को दर्शाते हैं कि विवाह प्रेम के आधार पर हुआ है।

प्रेम विवाह को हिंदू धर्म में “गंधर्व विवाह (Gandharv Vivaah)” भी कहा जाता है। यह वैदिक काल से प्रचलित एक विवाह का प्रकार है। गंधर्व विवाह में वर और वधु की सहमति से विवाह होता है। यह विवाह परिवारों या समाज द्वारा तय नहीं किया जाता है।

अंग्रेजी में, प्रेम विवाह को “Love Marriage” कहा जाता है। यह शब्द “लव” (Love) और “मैरिज” (Marriage) से मिलकर बना है। इसका अर्थ है “प्रेम के आधार पर विवाह”

विश्व के कई देशों में प्रेम विवाह एक लोकप्रिय विवाह का प्रकार है। भारत में भी प्रेम विवाह का प्रचलन बढ़ रहा है।

भारत में प्रेम विवाह का इतिहास (Love Marriage History in India)

भारत में प्रेम विवाह का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में, प्रेम विवाह आमतौर पर राजाओं और राजकुमारियों के बीच होते थे। हालांकि, आम लोगों के बीच प्रेम विवाह कम ही होते थे।

मध्यकाल में, प्रेम विवाह को सामाजिक अपराध माना जाने लगा। इस अवधि में, विवाह को एक सामाजिक व्यवस्था के रूप में देखा जाता था, और इसे परिवार और समाज द्वारा नियंत्रित किया जाता था। प्रेम विवाह को परिवार के सम्मान के लिए खतरा माना जाता था।

आधुनिक काल में, भारत में प्रेम विवाह की स्वीकार्यता बढ़ने लगी है। यह आधुनिक सोच और शिक्षा के प्रसार का परिणाम है। अब लोग अपने जीवनसाथी को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, भले ही उनके परिवार की सहमति न हो।

भारत में प्रेम विवाह कानून (Love Marriage Law In India)

भारत में प्रेम विवाह को कानूनी मान्यता प्राप्त है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, जिसमें विवाह करने का अधिकार भी शामिल है। इस अधिकार के तहत, कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने के लिए स्वतंत्र है, भले ही उसके माता-पिता या परिवार की सहमति न हो।

हालांकि, कुछ मामलों में प्रेम विवाह को सामाजिक अपराध माना जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर प्रेम विवाह अंतर्जातीय या अंतरधार्मिक है, तो परिवार या समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता है। ऐसे मामलों में, प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को सामाजिक दबाव या उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है।

भारत में प्रेम विवाह को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने कुछ कानून भी बनाए हैं। उदाहरण के लिए, स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत, कोई भी व्यक्ति 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद बिना माता-पिता की सहमति के भी विवाह कर सकता है। इस कानून के तहत, विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष विवाह पंजीकरण करवाना आवश्यक है।

भारत में प्रेम विवाह की चुनौतियां (Challenges Of Love Marriage in India)

भारत में प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इनमें से कुछ चुनौतियां निम्नलिखित हैं:

  • सामाजिक दबाव या उत्पीड़न: कुछ मामलों में, प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को अपने परिवार या समाज से सामाजिक दबाव या उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में, जोड़े को अपने रिश्ते को छिपाना पड़ सकता है, या अपने परिवार या समाज से अलग होना पड़ सकता है।
  • आर्थिक चुनौतियां: प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर दोनों पक्षों के परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, तो उन्हें अपने विवाह के लिए आर्थिक रूप से तैयार होना पड़ सकता है।
  • व्यक्तिगत चुनौतियां: प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को व्यक्तिगत चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर दोनों पक्षों के परिवारों की संस्कृति या परंपराएं अलग-अलग हैं, तो उन्हें अपने रिश्ते को निभाने के लिए समझौते करने पड़ सकते हैं।

लव मैरिज का नियम क्या है? ( Rules of Love Marriage)

भारत में लव मैरिज का नियम (Love Marriage Rules) बहुत ही सरल है। अगर दोनों पक्ष कानूनी उम्र के हैं, तो उनकी शादी कानूनी है, भले ही वह परिवार की सहमति के बिना हो।

भारत में बाल विवाह (Bal Vivah/ Child Marriage) निषेध अधिनियम, 2006 के तहत, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। अगर कोई इन उम्र सीमा से कम उम्र में शादी करता है, तो यह बाल विवाह (Baal Vivah) है और यह अपराध है। लेकिन अगर दोनों पक्ष कानूनी उम्र के हैं, तो उनकी शादी कानूनी है।

इसका मतलब है कि अगर कोई 18 वर्ष की लड़की अपने 21 वर्ष के प्रेमी से शादी करती है, तो यह शादी कानूनी है, भले ही उसके माता-पिता उसकी शादी का विरोध करें।

लव मैरिज करने के लिए दस्तावेज (Documents for Love Marriage):

  • लव मैरिज करने के लिए, दोनों पक्षों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
  • दोनों पक्षों की पहचान पत्र, जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, या पासपोर्ट।
  • दोनों पक्षों की जन्म प्रमाण पत्र।
  • दोनों पक्षों की सहमति पत्र।
  • लव मैरिज के लिए, दोनों पक्षों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।

इन दस्तावेजों को स्थानीय नगर निगम (Local Municipal Corporation) या जिला विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय (District Marriage Registrar Office) में जमा करना होगा।

भारत में लव मैरिज के सामाजिक पहलू भी हैं। भारत में, पारंपरिक रूप से शादी को परिवार द्वारा तय किया जाता है। प्रेम विवाह परिवार के मर्जी के खिलाफ माना जा सकता है। ऐसे मामलों में, परिवार प्रेम विवाह करने वाले दंपति को दबाव दे सकता है या उन्हें अलग कर सकता है।

लेकिन इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, लव मैरिज करना एक अच्छा विकल्प है। प्रेम विवाह में, दोनों पक्ष एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और समझते हैं। इससे उनके बीच विश्वास और सहयोग बढ़ता है। प्रेम विवाह में, दोनों पक्ष एक-दूसरे से प्यार करते हैं और एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहते हैं। इससे उनके विवाह की संभावना बढ़ जाती है।

क्या प्रेम विवाह एक अपराध है? (Is Love Marriage A Crime?)

संक्षेप में, नहीं, प्रेम विवाह एक अपराध नहीं है।

भारत में, बाल विवाह अधिनियम (Child Marriage Act), 2006 के अनुसार, विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह करता है, तो यह बाल विवाह के रूप में माना जाएगा और एक अपराध है।

हालांकि, यदि दोनों पक्ष 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो उनका विवाह कानूनी है, चाहे वह प्रेम विवाह हो या कोई अन्य प्रकार का विवाह।

कुछ मामलों में, प्रेम विवाह को सामाजिक अपराध के रूप में माना जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि दो लोग अलग-अलग जातियों या धर्मों से हैं, तो उनके विवाह को कुछ लोगों द्वारा सामाजिक अपराध के रूप में देखा जा सकता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कानून के अनुसार, प्रेम विवाह एक अपराध नहीं है।

लव मैरिज में तलाक कितने प्रतिशत होता है? (Percentage Of Divorce In Love Marriage?)

भारत में लव मैरिज में तलाक (Divorce in Love Marriage) का प्रतिशत अरेंज्ड मैरिज (Arrange Marriage) की तुलना में अधिक होता है। 2022 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में प्रेम विवाह में तलाक का प्रतिशत 25% है, जबकि अरेंज्ड मैरिज में यह प्रतिशत 15% है।

लव मैरिज में तलाक के कारण (Reasons For Divorce In Love Marriage)

लव मैरिज में तलाक (Divorce In Love Marriage) के अधिक होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • प्रेम विवाह में अक्सर पार्टनर्स एक-दूसरे को अच्छी तरह नहीं जानते हैं। वे अक्सर एक-दूसरे के परिवारों और संस्कृतियों के बारे में भी कम जानते हैं। इससे शादी के बाद टकराव और संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है।
  • प्रेम विवाह में अक्सर पार्टनर्स को परिवारों और दोस्तों से विरोध का सामना करना पड़ता है। इससे शादी के बाद तनाव और असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है।
  • प्रेम विवाह में अक्सर पार्टनर्स को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे तनाव और असंतोष की भावना बढ़ सकती है।

लव मैरिज में तलाक को कम करने के लिए, पार्टनर्स को शादी से पहले एक-दूसरे को अच्छी तरह जानने और समझने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें अपने परिवारों और दोस्तों के साथ बातचीत करके उनकी सलाह और समर्थन लेना चाहिए। और उन्हें शादी के बाद आर्थिक रूप से स्थिर होने के लिए योजना बनानी चाहिए।

प्रेम विवाह की रेखा कौन सी है? (Which Is The Line Of Love Marriage?)

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, प्रेम विवाह की रेखा को “प्रेम रेखा” (Love Line) कहा जाता है। यह रेखा हथेली के बीच वाले भाग में, बुध पर्वत के नीचे होती है। यह रेखा एक स्पष्ट, गहरी और सीधी रेखा होती है। यदि यह रेखा हृदय रेखा को काटती हुई नीचे की ओर जाती है, तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति का प्रेम विवाह होगा।

प्रेम रेखा के अलावा, हथेली में कुछ अन्य रेखाएं और चिह्न भी होते हैं जो प्रेम विवाह का संकेत दे सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • हथेली में कई विवाह रेखाएं होना।
  • विवाह रेखा के पास त्रिशूल या अन्य प्रतीक का होना।
  • विवाह रेखा के पास वर्ग या अन्य आकृति का होना।
  • विवाह रेखा के पास गुरु पर्वत पर क्रॉस का होना।

हालांकि, हस्तरेखा शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है और इसकी सटीकता को लेकर अभी भी विवाद है। इसलिए, प्रेम विवाह की रेखा के आधार पर किसी व्यक्ति के प्रेम विवाह की संभावना का निर्धारण करना हमेशा निश्चित नहीं होता है।

अगर माता-पिता प्रेम विवाह के खिलाफ हैं तो क्या करें? (What To Do If Parents Are Against Love Marriage?)

अगर माता-पिता प्रेम विवाह के खिलाफ हैं, तो यह एक मुश्किल स्थिति हो सकती है। माता-पिता का विरोध कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि धार्मिक विश्वास, सांस्कृतिक मान्यताएं, या सामाजिक दबाव।

ऐसे में, सबसे पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि माता-पिता क्यों विरोध कर रहे हैं। उनके विरोध के पीछे क्या कारण हैं? एक बार जब आपको उनके विरोध के कारणों की समझ हो जाए, तो आप उसके अनुसार अपनी योजना बना सकते हैं।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि अगर माता-पिता प्रेम विवाह के खिलाफ हैं तो क्या करें:

  • शांत रहें और धैर्य रखें। माता-पिता को समझाने में समय लग सकता है। जब आप उनसे बात करें तो शांत रहें और धैर्य रखें। उन्हें यह बताएं कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनकी चिंताओं को समझते हैं।
  • उनके साथ बात करें और उन्हें अपने रिश्ते के बारे में बताएं। उन्हें बताएं कि आप एक-दूसरे को क्यों प्यार करते हैं और आप एक साथ एक खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • उनके साथ समझौता करने की कोशिश करें। माता-पिता से बात करें और देखें कि क्या आप किसी तरह के समझौते पर पहुंच सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप उन्हें शादी से पहले एक लंबी डेटिंग अवधि देने की पेशकश कर सकते हैं।
  • एक मध्यस्थ की मदद लें। अगर आप स्वयं माता-पिता को समझाने में असमर्थ हैं, तो आप किसी मध्यस्थ की मदद ले सकते हैं। मध्यस्थ एक ऐसा व्यक्ति हो सकता है जिसे आप दोनों सम्मान करते हैं, जैसे कि एक रिश्तेदार, मित्र, या सलाहकार।

अंत में, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपका जीवन आपका है। आप अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं, यह आपका निर्णय है। हालांकि, माता-पिता का विरोध भी समझना महत्वपूर्ण है। उनके विरोध के पीछे उनके लिए सही कारण हो सकते हैं। इसलिए, उनके साथ बातचीत करके और समझौता करने की कोशिश करके आप स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको मदद कर सकते हैं:

  • अपने रिश्ते को मजबूत बनाएं। अपने साथी के साथ समय बिताएं, एक-दूसरे को समझें, और एक-दूसरे का समर्थन करें। इससे आपको माता-पिता के विरोध का सामना करने में मदद मिलेगी।
  • अपने आप को तैयार करें। माता-पिता के विरोध के कारण आपको कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, मानसिक रूप से तैयार रहें और कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
  • अपने दोस्तों और परिवार से मदद लें। अपने दोस्तों और परिवार से बात करें और उनसे समर्थन मांगें। इससे आपको माता-पिता के विरोध का सामना करने में मदद मिलेगी।

प्रेम विवाह के फ़ायदे (Benefits of Love Marriage)

  • प्रेम के आधार पर होने के कारण, प्रेम विवाह में दोनों व्यक्तियों के बीच अधिक समझ और विश्वास होता है।

प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को पहले से ही जानते हैं और समझते हैं। वे एक-दूसरे के साथ समय बिता चुके हैं और एक-दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। इससे उनके बीच विश्वास और समझ का मजबूत आधार बनता है।

  • प्रेम विवाह में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के साथ अधिक खुश होते हैं।

प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के साथ रहना पसंद करते हैं। वे एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हैं। इससे उनके बीच खुशी और संतुष्टि का माहौल बनता है।

  • प्रेम विवाह में तलाक की संभावना कम होती है।

शोध से पता चला है कि प्रेम विवाह में तलाक की संभावना अरेंज्ड मैरिज की तुलना में कम होती है। इसका कारण यह है कि प्रेम विवाह में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और समझते हैं। इससे वे एक-दूसरे के साथ अधिक अनुकूल होते हैं और तलाक की संभावना कम होती है।

  • प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के साथ अधिक सहज होते हैं। 

वे एक-दूसरे के साथ खुलकर और ईमानदारी से बात कर सकते हैं। इससे उनके बीच विश्वास और मजबूत बंधन बनता है।

  • प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति एक-दूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को बेहतर ढंग से समझते हैं। 

वे एक-दूसरे की देखभाल करने और समर्थन करने के लिए अधिक प्रतिबद्ध होते हैं। इससे उनके रिश्ते में मजबूती आती है।

प्रेम विवाह के नुकसान (Disadvantages Of Love Marriage)

  • प्रेम विवाह में अक्सर दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के परिवारों और संस्कृतियों के बारे में कम जानते हैं। इससे टकराव और संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है।
  • प्रेम विवाह में अक्सर दोनों व्यक्ति आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं।
  • प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति अक्सर एक-दूसरे के व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में कम जानते हैं। इससे शादी के बाद असंतोष और तनाव की संभावना बढ़ जाती है।
  • प्रेम विवाह में, दोनों व्यक्ति अक्सर एक-दूसरे के मूल्यों और विश्वासों के बारे में कम जानते हैं। इससे शादी के बाद मतभेदों और टकराव की संभावना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष:

भारत में प्रेम विवाह (Love Marriage in India) की संख्या बढ़ रही है। यह आधुनिक सोच और शिक्षा के प्रसार का परिणाम है। अब लोग अपने जीवनसाथी को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, भले ही उनके परिवार की सहमति न हो। हालांकि, प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

Love Marriage in India: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्र: प्रेम विवाह कैसे किया जाता है?

उत्तर: प्रेम विवाह करने के लिए सबसे पहले दोनों व्यक्तियों को एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए। इसके बाद, उन्हें अपने परिवारों और दोस्तों से सहमति लेनी चाहिए। अगर दोनों परिवारों से सहमति मिल जाती है, तो वे शादी की तैयारी शुरू कर सकते हैं।

प्रश्र: प्रेम विवाह के योग कब बनते हैं?

उत्तर: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, प्रेम विवाह के योग कुंडली में पंचम और सप्तम भाव में बनते हैं। पंचम भाव प्रेम, रोमांस, और बच्चे का भाव है। सप्तम भाव विवाह, पार्टनर, और साझेदारी का भाव है। अगर इन दोनों भावों में शुभ ग्रह स्थित हों, तो प्रेम विवाह के योग बनते हैं।

प्रश्र: क्या प्रेम विवाह करना पाप है?

उत्तर: नहीं, प्रेम विवाह करना पाप नहीं है। प्रेम विवाह दो व्यक्तियों के बीच प्रेम और समझ के आधार पर होता है। यह एक वैध और मान्यता प्राप्त विवाह है।

प्रश्र: हाथ में लव मैरिज कैसे पता करें?

उत्तर: हाथ में लव मैरिज की पहचान करने के लिए हस्तरेखा शास्त्र का उपयोग किया जा सकता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, प्रेम विवाह की निशानी हथेली में मंगल पर्वत पर स्थित होती है। अगर मंगल पर्वत ऊंचा और उभरा हुआ हो, तो व्यक्ति प्रेम विवाह करेगा।

प्रश्र: प्रेम विवाह कौन सा ग्रह देता है?

उत्तर: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, प्रेम विवाह शुक्र ग्रह देता है। शुक्र ग्रह प्रेम, रोमांस, और सौंदर्य का ग्रह है। अगर कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति प्रेम विवाह करेगा।

प्रश्र: प्रेम विवाह सफल क्यों होते हैं?

उत्तर: प्रेम विवाह सफल होते हैं क्योंकि इसमें दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को प्यार करते हैं और एक-दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। प्रेम विवाह में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को समझते हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। इससे उनके बीच विश्वास और मजबूत बंधन बनता है।

प्रश्र: लव मैरिज क्यों नहीं करनी चाहिए?

उत्तर: लव मैरिज नहीं करनी चाहिए, अगर:

  • दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को कम जानते हों।
  • दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के परिवारों और संस्कृतियों के बारे में कम जानते हों।
  • दोनों व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर हों।

प्रश्र: लव मैरिज करने के लिए क्या क्या जरूरी है?

उत्तर: लव मैरिज करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वोटर आईडी
  • राशन कार्ड
  • स्कूल या कॉलेज की मार्कशीट
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • परिवार के मुखिया का पहचान प्रमाण पत्र

प्रश्र: कुंडली में प्रेम विवाह की पहचान कैसे करें?

उत्तर: कुंडली में प्रेम विवाह की पहचान करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • पंचम और सप्तम भाव में शुभ ग्रह स्थित होने चाहिए।
  • मंगल पर्वत ऊंचा और उभरा हुआ होना चाहिए।
  • शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में होना चाहिए।

प्रश्र: भारत में कितना लव मैरिज है?

उत्तर: भारत में लव मैरिज का प्रचलन बढ़ रहा है। 2022 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 25% विवाह प्रेम विवाह हैं।

प्रश्र: भारत में प्रेम विवाह क्यों बढ़ रहे हैं?

उत्तर: भारत में प्रेम विवाह बढ़ने के निम्नलिखित कारण हैं:

  • शिक्षा का प्रसार: शिक्षा का प्रसार होने से लोगों को प्रेम विवाह के बारे में अधिक जानकारी मिल रही है।
  • सामाजिक बदलाव: सामाजिक बदलाव के कारण लोग प्रेम विवाह को अधिक स्वीकार करने लगे हैं।
  • कानूनी मान्यता: भारत में प्रेम विवाह को कानूनी मान्यता मिल गई है।

प्रश्र: लव मैरिज करने के लिए क्या करना पड़ता है?

उत्तर: लव मैरिज करने के लिए प्यार का इजहार करना, परिवारों से सहमति लेना, शादी की तैयारी करना, शादी करना, शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जैसे चरणों का पालन करना पड़ता है।

प्रश्र: लव मैरिज करने में कितना पैसा लगता है?

उत्तर: लव मैरिज करने में लगने वाला पैसा शादी की रस्मों और बजट पर निर्भर करता है। आमतौर पर, लव मैरिज में लगने वाला पैसा अरेंज्ड मैरिज की तुलना में कम होता है।

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