Rajasthani Marwari Wedding Rituals: मारवाड़ी शादी अपनी रंगीन और भव्य रस्मों के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में, हम आपको मारवाड़ी शादी की कुछ प्रमुख रस्मों और रिवाजों के बारे में बताएंगे।
बंगाली विवाह की रस्म और रिवाज
Rajasthani Marwari Wedding Rituals:
राजस्थानी शाही शादी (Royal Marwari Wedding) का विशेष महत्व है जो उनकी भव्यता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक परंपराओं को प्रकट करता है। इन शादियों में भव्यता का प्रतीक माना जाता है, जिसमें विवाह समारोह, परंपरागत पहरेदारी, भोजन और वस्त्रादि का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
राजस्थानी शाही विवाह (Rajasthani Royal Wedding) में विशेष ध्यान रखा जाता है कि समारोहों में भव्यता और गरिमा को प्रकट किया जाए। इन शादियों में मंगल गान, राजस्थानी लोक संगीत, नृत्य, और आध्यात्मिक परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
राजस्थान मारवाड़ी शादियों (Rajasthani Marwadi Shadi) का एक और महत्वपूर्ण पहलु है राजस्थान के ऐतिहासिक समुदायों जैसे राजपूत और मारवाड़ी के विशेष विवाह समारोह। ये समारोह उनके ऐतिहासिक महत्व और स्थायी परंपराओं को प्रस्तुत करते हैं। इन समारोहों में ध्यान दिया जाता है कि प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को समेटा जाए और विशेष आयोजन किया जाए।
सामाजिक दृष्टिकोण से, राजस्थानी शादी (Rajasthani Wedding Traditions) अन्य वैवाहिक समारोहों से भिन्न होती हैं क्योंकि यहां पर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक परंपराओं का समावेश होता है जो उन्हें अद्वितीय बनाता है।
तो चलिए, इस विषय पर गहराई से जानकारी प्राप्त करें, जहां हम राजस्थानी मारवाड़ी विवाह की परंपरा और रीति-रिवाज (Rajasthani Wedding Rituals in Hindi) को विस्तार से समझें।
मारवाड़ी शादी की रस्म लिस्ट (Rajasthani Marriage Rituals in Hindi)
राजस्थानी शादी से पहले की रस्में (Rajasthani Wedding Rituals before Marriage)
भात न्योतना (Bhaat Nyota):
यह मारवाड़ी शादी (Marwadi Shadi) की पहली रस्म है। दूल्हे के परिवार की महिलाएं दुल्हन के घर भात, गुड़, सुपारी, नारियल, मिठाई और अन्य शुभ सामग्री लेकर जाती हैं। वे दुल्हन के परिवार को शादी में शामिल होने का न्योता देती हैं। इस रस्म को “भात भरना” या “भात न्योछाव” भी कहा जाता है।
गणेश स्थापना (Ganesh Sthapna):
शादी के शुभ मुहूर्त से पहले गणपति जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। गणपति जी को विघ्नहर्ता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करके शादी में आने वाली किसी भी बाधा को दूर किया जाता है। गणपति जी की पूजा के लिए एक विशेष मंडप सजाया जाता है। उन्हें फल, फूल, मिठाई और अन्य भोग अर्पित किए जाते हैं।
रात्रि जगा (Ratri Jaga)
मारवाड़ी शादी (Marwari Shadi) में रात्रि जगा एक महत्वपूर्ण रस्म है। यह रस्म शादी से एक रात पहले आयोजित की जाती है। इस रस्म में, परिवार के सदस्य और दोस्त रात भर जागते हैं और गाने गाते हैं, नाचते हैं और खेल खेलते हैं। रात्रि जगा का कार्यक्रम शादी के माहौल को खुशनुमा बनाता है। इस रस्म में, दुल्हन को पिट्ठी लगाई जाती है, जो एक प्रकार का उबटन होता है। पिट्ठी लगाने से दुल्हन की त्वचा चमकदार और सुंदर बनती है।
मारवाड़ी शादी की रस्में और रिवाजें
मुड्डा टीका (Mudda Tikka):
मुड्डा टीका एक और महत्वपूर्ण रस्म है जो शादी से एक या दो दिन पहले आयोजित की जाती है। इस रस्म में, दुल्हन के मामा उसे मुड्डा टीका पहनाते हैं। मुड्डा टीका एक प्रकार का टीका होता है जो सोने या चांदी से बना होता है। इसे दुल्हन के माथे पर पहनाया जाता है। मुड्डा टीका को दुर्भाग्य से बचाने का प्रतीक माना जाता है।
पल्ला और जनेव (Palla and Janev)
जब पल्ला और जनेव समारोह शुरू होता है, तो एक रोमांचक और आनंददायक माहौल बनता है। पल्ला समारोह में, दुल्हन को उसके ससुराल वाले विशेष तौर पर डिज़ाइन किए गए कपड़े और गहने उपहार में दिए जाते हैं, जो उसकी नई ज़िन्दगी की शुरुआत को सुंदरता और आनंद से सजाते हैं। वहीं, जानेव समारोह में, दूल्हा एक पवित्र धागा पहनता है, जो उसकी नई ज़िन्दगी के पवित्र और शुभ आरंभ को प्रतिनिधित करता है। यह धागा न केवल दम्पत्ति के प्यार और सम्बंध को प्रतिष्ठित करता है, बल्कि उनके भविष्य की खुशियों की प्रतीक भी होता है।
तिलक समारोह (Tilak Function)
तिलक समारोह मारवाड़ी शादी की एक महत्वपूर्ण रस्म है। यह शादी की औपचारिक घोषणा का प्रतीक है और शादी की तैयारियों की शुरुआत का प्रतीक है।
पिट्ठी दस्तूर, तेलबान (हल्दी रस्म) Pithi Dastoor, Telban (Haldi Rasm):
दुल्हन और दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है। हल्दी को एंटीसेप्टिक, शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हल्दी लगाने की रस्म को “हल्दी रस्म”, तेलबान या “हल्दी की रात” भी कहा जाता है। इस रस्म में, परिवार के सदस्य और दोस्त दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाते हैं। हल्दी के पेस्ट में चंदन, गुलाब जल और अन्य सामग्री मिलाई जाती है। दूल्हा और दुल्हन को पीले रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं।
मेहंदी समारोह (Mehndi Function)
दूल्हा दुल्हन के हाथों में मेहंदी (Bride Groom Mehndi) लगाई जाती है। मेहंदी को सुंदरता, सौभाग्य और खुशी का प्रतीक माना जाता है। मेहंदी लगाने की रस्म को “मेहंदी रस्म” या “मेहंदी की रात” भी कहा जाता है। इस रस्म में, महिलाएं गाने गाती हैं और नाचती हैं। दुल्हन के हाथों पर मेहंदी की डिजाइनें बनाई जाती हैं। दूल्हे के हाथों पर भी मेहंदी लगाई जा सकती है।
संगीत (Sangeet Function):
शादी से पहले संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में, गायक और नर्तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। संगीत का कार्यक्रम शादी के माहौल को खुशनुमा बनाता है। इस कार्यक्रम में, परिवार के सदस्य और दोस्त भी गाने गाते हैं और नाचते हैं। संगीत का कार्यक्रम कई दिनों तक चल सकता है।
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थंब पूजा (Thumb Puja)
थंब पूजा, जिसे कभी-कभी हवन या यज्ञ के नाम से भी जाना जाता है, मारवाड़ी शादी की रस्म (Marwari Wedding Tradition) है। यह शादी के दिन या शादी से एक दिन पहले दूल्हे और दुल्हन दोनों के घरों पर की जाती है। थंब पूजा शादी को पवित्र बनाने और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह दूल्हे और दुल्हन के लिए एक नया जीवन शुरू करने का प्रतीक है।
राजस्थानी शादी के दिन की रस्में (Rajasthani Rituals on Wedding Day)
वर निकासी (Nikasi):
दूल्हा अपने परिवार और दोस्तों के साथ बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है। बारात में, दूल्हा घोड़े पर या गाड़ी में बैठकर जाता है। बारात में, लोग ढोल-नगाड़े बजाते हैं और नाचते हैं। दूल्हे के परिवार के सदस्य दुल्हन के परिवार को उपहार देते हैं।
घरवा (Gharwa)
मारवाड़ी शादियों में धार्मिक प्रथाओं का गहरा संबंध होता है, और इसलिए इन शादियों को विशेष महत्व दिया जाता है। शादी को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए, विशेष प्रार्थनाएँ की जाती हैं। घरवा नामक एक अनूठी प्रथा है, जिसमें देवी पार्वती की पूजा की जाती है। एक मूर्ति को दुल्हन के घर ले जाया जाता है, और उसे दूल्हे के परिवार द्वारा भेजे गए कपड़ों और गहनों से सजाया जाता है। यह प्रथा न केवल धार्मिक आदर्शों को महत्व देती है, बल्कि यह शादी के आयोजन में भी एक अनूठी और प्रतिष्ठित भूमिका निभाती है।
द्वारचार (Dwarchar)
दूल्हे का स्वागत किया जाता है। दुल्हन के परिवार के सदस्य दूल्हे का स्वागत करते हैं। इस रस्म में, दुल्हन के भाई दूल्हे के पैर धोते हैं। दूल्हे को दूध और शहद पिलाया जाता है। दूल्हे को तिलक लगाया जाता है।
कन्यादान (Kanyadaan)
दुल्हन के पिता अपनी बेटी का कन्यादान करते हैं। कन्यादान की रस्म (Kanyadaan Rasm) में, दुल्हन के पिता अपनी बेटी का हाथ दूल्हे के हाथ में देते हैं। यह रस्म बहुत भावुक होती है, क्योंकि पिता अपनी बेटी को विदा करते हैं।
पाणिग्रहण (Panigrahan)
पाणिग्रहण राजस्थान की मारवाड़ी शादियों की एक प्रमुख रस्म है, जो विवाह के महत्वपूर्ण पलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस विशेष अवसर पर, दुल्हन अपने जीवनसाथी को स्वीकार करती है और सभी जिम्मेदारियाँ ग्रहण करती है। उसके माता-पिता अपनी बेटी को उसके नए घर के साथ सौंपते हैं, और इससे प्रारंभ होते ही, वह उसकी देखभाल का दायित्व लेता है। राजस्थानी शादियों में दो आत्माओं के संगम का यह संगीतमय उत्सव एक प्रेम और आत्मीयता का प्रतीक है।
सप्तपदी (Saptapadi)
सप्तपदी, जिसका अर्थ है “सात कदम”, हिंदू विवाह समारोह का एक केंद्रीय और सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे संस्कृत में “सात फेरे” के नाम से भी जाना जाता है। इस रस्म के दौरान, दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि के चारों ओर सात कदम चलते हैं, जो उनके वैवाहिक जीवन में सात वचन या प्रतिज्ञाओं का प्रतीक है।
आंझला भराई (Anjhla Bharai)
आंझला भराई, जिसे “आंझला पूजन” या “गोद भराई” के नाम से भी जाना जाता है, मारवाड़ी विवाह समारोह में एक महत्वपूर्ण रस्म है।मारवाड़ी शादी की आंझला भराई एक बेहद प्रिय परंपरा है, जहां दूल्हे के पिता एक महंगे बैग में दुल्हन को अनेक प्रकार के उपहारों से भरा समर्थी देते हैं। यह शानदार प्रतिष्ठा की एक अद्भुत प्रक्रिया होती है, जब दूल्हा और दुल्हन की परंपरागत शादी के अन्य कार्यक्रमों का समापन होता है। इस अद्वितीय रस्म का सीधा सन्देश है कि दुल्हे के परिवार ने अपनी बहू को परिवारिक जिम्मेदारियों का साथ देने का संकल्प लिया है।
शादी के बाद रस्में (Rajasthani Wedding Rituals After Marriage)
गृह प्रवेश (Grah Pravesh)
दुल्हन दूल्हे के घर में प्रवेश करती है। गृह प्रवेश की रस्म में, दुल्हन को दूल्हे के घर में प्रवेश करने से पहले कुछ रस्में निभानी होती हैं। उसे चावल के दाने और दूध के साथ घर में प्रवेश करना होता है।
मुख्यमंत्री:
दुल्हन को घर की मुख्यमंत्री बनाया जाता है। मुख्यमंत्री की रस्म में, दुल्हन को घर की चाबी दी जाती है और उसे घर की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
पहली रसोई (Pehli Rasoi)
दुल्हन पहली बार घर में खाना बनाती है। पहली रसोई की रस्म (Pahli Rasoi Rasm) में, दुल्हन पहली बार घर में खाना बनाती है और परिवार के सदस्यों को खिलाती है।
पग फेरा (Pag Phera)
विवाह के दो दिन बाद, नया जोड़ा दुल्हन के घर में पहुंचता है, जहां वे धूमधाम से स्वागत किए जाते हैं। दुल्हन का परिवार उन्हें बहुमूल्य उपहारों के साथ नवाजता है। उसके बाद, एक विस्तारित दावत का आयोजन होता है, जहां नए जोड़े राजस्थानी पारंपरिक व्यंजनों (Rajasthani Traditional Food) का स्वाद उठाते हैं।
निष्कर्ष:
राजस्थानी मारवाड़ी शादी के रीति रिवाज (Rajasthani Marwari Wedding Rituals) अपनी समृद्ध परंपराओं और रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है। थंब पूजा, घरवा, पाणिग्रहण, सप्तपदी, आंझला भराई, और पग फेरा जैसी रस्में इस समारोह को अविस्मरणीय बनाती हैं। मारवाड़ी विवाह में भाग लेना एक अनूठा अनुभव है। यह आपको हिंदू धर्म, मारवाड़ी संस्कृति और परंपराओं की समृद्धता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
यदि आप कभी राजस्थान में हों, तो मारवाड़ी शादी (Marwadi Shadi) में शामिल होने का अवश्य प्रयास करें।
Rajasthani Marwari Wedding Rituals: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: राजस्थानी विवाह क्या है?
उत्तर: राजस्थानी विवाह, जिसे मारवाड़ी विवाह भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध परंपराओं, रीति-रिवाजों, और उत्सव के लिए जाना जाता है। यह एक रंगीन और जीवंत उत्सव है जो दो परिवारों को एकजुट करता है और नवविवाहित जोड़े के लिए एक नया जीवन शुरू करता है।
प्रश्न 2: मारवाड़ी विवाह में कौन-कौन सी मुख्य रस्में और अनुष्ठान होते हैं?
उत्तर: मारवाड़ी विवाह में कई रस्में और अनुष्ठान होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं:
- थंब पूजा: यह रस्म विवाह के शुभ मुहूर्त का निर्धारण करने के लिए की जाती है।
- घरवा: यह रस्म दुल्हन और दूल्हे के घरों में शुभकामनाएं और आशीर्वाद के लिए की जाती है।
- पाणिग्रहण: यह रस्म विवाह का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होता है, जहाँ वर कन्या का दुपट्टा अपने अंगवस्त्र में पकड़ता है।
- सप्तपदी: यह रस्म सात फेरे लेकर सात वचन लेने का प्रतीक है।
- आंझला भराई: यह रस्म दुल्हन की गोद में थाली रखकर शुभकामनाएं और आशीर्वाद देने के लिए की जाती है।
- पग फेरा: यह रस्म दुल्हन की विदाई और उसके ससुराल में प्रवेश का प्रतीक है।
प्रश्न 3: मारवाड़ी में दूल्हे को क्या कहते हैं?
उत्तर: मारवाड़ी में दूल्हे को “बन्ना” के रूप में जाना जाता है। बारात में दूल्हे के परिवार और दोस्त शामिल होते हैं जो दुल्हन के घर जाते हैं।
प्रश्न 4: मारवाड़ में शादी जल्दी क्यों हो जाती है?
उत्तर: मारवाड़ में शादी जल्दी होने के कई कारण हैं:
- परंपरा: राजस्थान में जल्दी शादी करने की परंपरा रही है।
- सामाजिक दबाव: कुछ मामलों में, सामाजिक दबाव के कारण लोग जल्दी शादी करते हैं।
- आर्थिक कारण: कुछ मामलों में, आर्थिक कारणों से लोग जल्दी शादी करते हैं।
प्रश्न 5: क्या मारवाड़ी विवाह में सभी रस्में और अनुष्ठान सभी परिवारों में समान होते हैं?
उत्तर: नहीं, मारवाड़ी विवाह में रस्में और अनुष्ठान क्षेत्र और परिवार के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
प्रश्न 6: मारवाड़ी शादी में महिलाओं का क्या महत्व है?
उत्तर: मारवाड़ी शादी में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- माँ का महत्व: माँ दुल्हन को आशीर्वाद देती है और शादी की तैयारियों में मदद करती है।
- बहन का महत्व: बहनें अपने भाई की शादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे शादी की तैयारियों में मदद करती हैं और दुल्हन के साथ रहती हैं।
- अन्य महिलाओं का महत्व: मारवाड़ी शादी में अन्य महिलाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे रस्मों और अनुष्ठानों में मदद करती हैं और दुल्हन और दूल्हे को आशीर्वाद देती हैं।
प्रश्न 7: मारवाड़ी शादी में कौन-कौन से गाने गाए जाते हैं?
उत्तर: मारवाड़ी शादी में कई तरह के गाने गाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मंगल गीत: शादी में मंगल गीत गाए जाते हैं जो नवविवाहित जोड़े के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद लाते हैं।
- भजन: शादी में भजन भी गाए जाते हैं जो भगवान की स्तुति करते हैं।
- लोकगीत: मारवाड़ी लोकगीत भी शादी में गाए जाते हैं जो मारवाड़ी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।
- फिल्मी गाने: कुछ मारवाड़ी शादियों में फिल्मी गाने भी गाए जाते हैं।
प्रश्न 8: मारवाड़ी शादी में कौन-कौन से व्यंजन परोसे जाते हैं?
उत्तर: मारवाड़ी शादी में कई तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिनमें शामिल हैं: दाल-बाटी-चूरमा, कढ़ी-चावल, गट्टे की सब्जी, मिठाइयाँ।
प्रश्न 9: मारवाड़ी शादी में कितना खर्च होता है?
उत्तर: मारवाड़ी शादी में होने वाला खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि शादी का आकार, स्थान, और रस्में। एक छोटी मारवाड़ी शादी में 5 लाख रुपये से लेकर एक बड़ी मारवाड़ी शादी में 50 लाख रुपये तक खर्च हो सकता है।
प्रश्र 10: मारवाड़ी शादी में कौन-कौन से रीति-रिवाज होते हैं?
उत्तर: भात न्योतना, रात्रि जग्गा, पिथी दस्तूर, थंब पूजा, घरवा, पाणिग्रहण, सप्तपदी, आंझला भराई, विदाई, पग फेरा