Arya Samaj Marriage: आर्य समाज में शादी कैसे करें? क्या क्या डॉक्यूमेंट है जरूरी?

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Arya Samaj Marriage

Arya Samaj Marriage: आर्य समाज शादी एक प्रकार की हिंदू शादी है जो आर्य समाज मंदिर में होती है। यह शादी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार होती है, जिसमें अग्नि के सात फेरे शामिल होते हैं। आर्य समाज शादी को आर्य समाज वैलिडेशन एक्ट 1937 और हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत मान्यता दी गई है।

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Arya Samaj Marriage:

आर्य समाज एक धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। आर्य समाज का लक्ष्य हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना और जाति और धर्म के भेदभाव को दूर करना हैं।

आर्य समाज शादी (Arya Samaj Shadi) आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप होती है। यह शादी जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होती है। आर्य समाज शादी करने के लिए, दूल्हे और दुल्हन को आर्य समाज मंदिर (Arya Samaj Mandir) में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ दूल्हे और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और दो गवाहों के हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र की आवश्यकता होती है।

आर्य विवाह क्या है? (What is Arya Vivah)

आर्य विवाह एक प्रकार की हिंदू शादी (Hindu Shadi) है जो आर्य समाज मंदिर में होती है। यह शादी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार होती है, जिसमें अग्नि के सात फेरे शामिल होते हैं। आर्य समाज शादी को आर्य समाज वैलिडेशन एक्ट 1937 और हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत मान्यता दी गई है।

आर्य समाज एक धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती ने की थी। आर्य समाज के लक्ष्य हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना और जाति और धर्म के भेदभाव को दूर करना हैं।

आर्य समाज शादी आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप होती है। यह शादी जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होती है। आर्य समाज शादी करने के लिए, दूल्हे और दुल्हन को आर्य समाज मंदिर में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ दूल्हे और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और दो गवाहों के हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र की आवश्यकता होती है।

क्या आर्य समाज विवाह वैध है? (Is Arya Samaj marriage legal?)

हां, आर्य समाज विवाह वैध हैं। उन्हें आर्य समाज वैलिडेशन एक्ट 1937 (Arya Samaj Validation Act 1937) और हिंदू मैरिज एक्ट 1955 (Hindu Marriage Act 1955) के तहत मान्यता दी गई है।

Arya Samaj Marriage Fees

आर्य समाज विवाह का खर्च आमतौर पर मंदिर से मंदिर अलग होता है। अलग-66 जगहों पर अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं। हालांकि, आम तौर  लेकर 5000 रुपये तक हो सकती है। इस कीमत में आमतौर पर पंडित की दक्षिणा और शादी के प्रमाणपत्र का खर्च शामिल हो सकता है।

अगर आप किसी खास आर्य समाज विवाह का खर्च जानना चाहते हैं, तो सीधे उस मंदिर के पुजारी या प्रबंधन से संपर्क करना सबसे अच्छा तरीका है। वे आपको सटीक जानकारी दे पाएंगे।

यहाँ कुछ चीजें हैं जो आर्य समाज विवाह की फीस को प्रभावित कर सकती हैं:

  • मंदिर का स्थान: बड़े शहरों के मंदिरों में ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों की तुलना में अधिक शुल्क हो सकते हैं।
  • शादी की तारीख: कुछ मंदिर त्योहारों या सप्ताहांत के दौरान अधिक शुल्क ले सकते हैं।
  • शादी की अतिरिक्त सेवाएं: कुछ मंदिर फोटोग्राफी, फूल सजावट या भोजन जैसी अतिरिक्त सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनका खर्च अलग से लग सकता है।

इसके अलावा, यह ध्यान रखें कि आपको शादी के रजिस्ट्रेशन (Marriage Registration) के लिए स्थानीय SDM कार्यालय में शुल्क भी देना पड़ सकता है। यह फीस आम तौर पर ₹100 से ₹200 तक होती है।

अगर आप कम खर्च में आर्य समाज विवाह करना चाहते हैं, तो आप यह कर सकते हैं:

  • ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों पर विचार करें।
  • सप्ताहांत या त्योहारों के दौरान शादी से बचें।
  • अतिरिक्त सेवाओं का लाभ न लें।
  • SDM कार्यालय में खुद रजिस्ट्रेशन करें।

आर्य समाज विवाह प्रमाणपत्र ऑनलाइन जांचें (Arya Samaj Marriage Certificate Online Check)

आर्य समाज विवाह प्रमाण पत्र (Arya Samaj Marriage Certificate) का ऑनलाइन वेरिफिकेशन करने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  • प्रमाण पत्र संख्या और अन्य विवरण एकत्र करें

आपको वेरिफिकेशन के लिए निम्नलिखित जानकारी की आवश्यकता होगी:

  • प्रमाण पत्र संख्या
  • दूल्हा-दुल्हन के नाम
  • शादी की तारीख

यह जानकारी आपके प्रमाण पत्र पर पाई जा सकती है।

  • वेरिफिकेशन विधि चुनें

आप निम्नलिखित तरीकों में से किसी एक का उपयोग करके अपने प्रमाण पत्र की वैधता की जांच कर सकते हैं:

  • आर्य समाज मंदिर वेबसाइट: कुछ आर्य समाज मंदिर अपनी वेबसाइट पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन विकल्प प्रदान करते हैं। आपको प्रमाण पत्र संख्या या अन्य पहचान जानकारी डालनी पड़ेगी। यह सबसे आधिकारिक तरीका होगा, लेकिन हर मंदिर के पास यह सुविधा नहीं होती है।
  • ऑनलाइन सत्यापन पोर्टल: कुछ राज्यों में सरकार द्वारा शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल होते हैं। अगर आपने अपने आर्य समाज विवाह को स्थानीय एसडीएम कार्यालय में रजिस्टर किया है, तो आप उसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग करके अपने प्रमाण पत्र की वैधता की जांच कर सकते हैं।
  • मंदिर से सीधे संपर्क: सबसे सीधा तरीका मंदिर से सीधे संपर्क करना है जहां शादी हुई थी। वे आपको बता सकते हैं कि क्या ऑनलाइन वेरिफिकेशन संभव है, या अन्यथा वे प्रमाण पत्र की एक प्रति ईमेल से भेज सकते हैं या किसी अन्य माध्यम से वैधता की पुष्टि कर सकते हैं।
  • वेरिफिकेशन प्रक्रिया का पालन करें

एक बार जब आपने वेरिफिकेशन विधि चुन ली है, तो आपको वेरिफिकेशन प्रक्रिया का पालन करना होगा। प्रक्रिया हर मंदिर या ऑनलाइन पोर्टल के लिए अलग-अलग हो सकती है।

आर्य समाज मंदिर वेबसाइट पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन

अगर आप आर्य समाज मंदिर वेबसाइट (Arya Samaj Mandir Website) पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. मंदिर की वेबसाइट पर जाएँ।
  2. “प्रमाण पत्र सत्यापन” या “Certificate Verification” जैसा एक लिंक ढूंढें।
  3. आवश्यक जानकारी दर्ज करें, जैसे प्रमाण पत्र संख्या, दूल्हा-दुल्हन के नाम और शादी की तारीख।
  4. “सत्यापित करें” या “Verify” बटन पर क्लिक करें।

यदि प्रमाण पत्र वैध है, तो आपको एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा।

ऑनलाइन वेरिफिकेशन पोर्टल पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन

अगर आप अपने राज्य के ऑनलाइन वेरिफिकेशन पोर्टल (Online Verification Portal) पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. पोर्टल पर जाएँ।
  2. “शादी प्रमाण पत्र सत्यापन” या “Marriage Certificate Verification” जैसा एक लिंक ढूंढें।
  3. आवश्यक जानकारी दर्ज करें, जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर, दूल्हा-दुल्हन के नाम और शादी की तारीख।
  4. “सत्यापित करें” या “Verify” बटन पर क्लिक करें।

यदि प्रमाण पत्र वैध है, तो आपको एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा।

मंदिर से सीधे संपर्क करके प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन

अगर आप मंदिर से सीधे संपर्क करके प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. मंदिर से संपर्क करें जहां शादी हुई थी।
  2. उन्हें बताएं कि आप अपने प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करना चाहते हैं।
  3. उन्हें प्रमाण पत्र संख्या और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करें।

मंदिर आपको प्रमाण पत्र की वैधता की पुष्टि करने में सक्षम होगा।

आर्य समाज विवाह विधि (Arya Samaj Marriage Procedure)

आर्य समाज विवाह विधि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत मान्यता प्राप्त है। यह विधि वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार होती है।

आर्य समाज विवाह विधि के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:

  • दूल्हे और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र
  • दूल्हे और दुल्हन के पहचान पत्र
  • दो गवाहों के हस्ताक्षर वाले शपथ पत्र

आर्य समाज विवाह विधि की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. आवेदन: दूल्हा और दुल्हन को आर्य समाज मंदिर में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
  2. जांच: मंदिर के अधिकारी दूल्हे और दुल्हन के आवेदन की जांच करेंगे। यदि आवेदन सही पाया जाता है, तो मंदिर के अधिकारी शादी की तारीख और समय तय करेंगे।
  3. शादी: शादी की तारीख और समय पर, दूल्हा और दुल्हन मंदिर में उपस्थित होंगे। मंदिर के अधिकारी शादी की रस्में संपन्न करेंगे।
  4. प्रमाण पत्र: शादी के बाद, मंदिर के अधिकारी दूल्हा और दुल्हन को एक मैरिज सर्टिफिकेट जारी करेंगे।

आर्य समाज विवाह विधि की कुछ प्रमुख रस्में निम्नलिखित हैं:

  • पूजा: शादी की शुरुआत पूजा से होती है। दूल्हा और दुल्हन मंदिर के सामने बैठते हैं और मंदिर के अधिकारी उनका स्वागत करते हैं। फिर, मंदिर के अधिकारी दूल्हे और दुल्हन को भगवान को प्रणाम करने के लिए कहते हैं।
  • हवन: पूजा के बाद, हवन किया जाता है। हवन में, दूल्हा और दुल्हन भगवान को प्रार्थना करते हैं और अपनी शादी के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
  • सप्तपदी: हवन के बाद, सप्तपदी की रस्म होती है। सप्तपदी में, दूल्हा और दुल्हन सात फेरे लेते हैं। प्रत्येक पगड़े का अपना एक अर्थ होता है।
  • आशीर्वाद: सप्तपदी के बाद, मंदिर के अधिकारी दूल्हा और दुल्हन को आशीर्वाद देते हैं।

आर्य समाज विवाह विधि एक सरल और पारंपरिक विधि है। यह विधि जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त है।

आर्य समाज मैरिज रजिस्ट्रेशन (Arya Samaj Marriage Registration)

आर्य समाज विवाह को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है। इसलिए, आर्य समाज विवाह के बाद, दूल्हा और दुल्हन को अपने विवाह को स्थानीय SDM कार्यालय में पंजीकृत कराना आवश्यक है।

आर्य समाज विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:

  • आर्य समाज विवाह प्रमाण पत्र
  • दूल्हे और दुल्हन के पहचान पत्र
  • दूल्हे और दुल्हन के निवास प्रमाण पत्र

आर्य समाज विवाह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. आवेदन: दूल्हा और दुल्हन को अपने स्थानीय SDM कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
  2. जांच: SDM कार्यालय के अधिकारी दूल्हा और दुल्हन के आवेदन की जांच करेंगे। यदि आवेदन सही पाया जाता है, तो SDM कार्यालय के अधिकारी विवाह को पंजीकृत कर देंगे।
  3. प्रमाण पत्र: विवाह के पंजीकृत होने के बाद, SDM कार्यालय के अधिकारी दूल्हा और दुल्हन को एक मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करेंगे।

आर्य समाज शादी के फायदे (Arya Samaj Marriage Benefits)

आर्य समाज मंदिर में शादी (Marriage In Arya Samaj Mandir) करने के कई फायदे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:

  • वैधता: आर्य समाज मंदिर में हुई शादी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत वैध है। इसका मतलब है कि यह शादी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और दोनों पक्षों को सभी कानूनी अधिकार और लाभ प्राप्त होते हैं।
  • सामाजिक स्वीकार्यता: आर्य समाज मंदिर में शादी हिंदू समाज में व्यापक रूप से स्वीकार की जाती है। इसका मतलब है कि दोनों पक्षों को अपने परिवारों और दोस्तों से समर्थन और स्वीकृति मिलती है।
  • कम लागत: आर्य समाज मंदिर में शादी की लागत आमतौर पर अन्य प्रकार की शादियों की तुलना में कम होती है। इसका कारण यह है कि आर्य समाज मंदिरों में शादी की रस्में सरल और कम खर्चीली होती हैं।
  • स्वतंत्रता: आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाले जोड़े को अपनी शादी की शर्तों को चुनने की स्वतंत्रता होती है। इसका मतलब है कि वे अपनी शादी की रस्मों, समारोहों और अन्य पहलुओं को अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं।
  • आर्य समाज जाति और धर्म के भेदभाव के खिलाफ है। इसलिए, आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाले जोड़े को जाति या धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • आर्य समाज महिलाओं की समानता और स्वतंत्रता का समर्थन करता है। इसलिए, आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाली महिलाओं को अपनी शादी में समान अधिकार और जिम्मेदारियां प्राप्त होती हैं।
  • आर्य समाज शांति और सद्भाव का समर्थन करता है। इसलिए, आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाले जोड़े को अपनी शादी में शांति और सद्भाव का वातावरण मिलता है।

आर्य समाज शादी के नुकसान (Disadvantages Of Arya Samaj Marriage)

आर्य समाज शादी के कुछ नुकसान भी हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं:

  • आर्य समाज मंदिरों की संख्या सीमित है। इसलिए, जोड़े को अपने नजदीकी आर्य समाज मंदिर की खोज करनी पड़ सकती है।
  • आर्य समाज शादी की रस्में हिंदू धर्म की परंपराओं पर आधारित हैं। इसलिए, जोड़े को इन रस्मों के अनुरूप होने के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • आर्य समाज शादी के लिए कुछ न्यूनतम आवश्यकताएं हैं। उदाहरण के लिए, दोनों पक्षों को हिंदू होना चाहिए और उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

आर्य समाज शादी की सावधानियां (Arya Samaj Marriage Precautions)

आर्य समाज मंदिर में शादी करने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • आर्य समाज मंदिरों के नियमों और शर्तों को जान लें। हर आर्य समाज मंदिर के अलग-अलग नियम और शर्तें हो सकती हैं। इसलिए, अपनी शादी से पहले उस मंदिर के नियमों और शर्तों को जान लें।
  • शादी के लिए आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें। आर्य समाज मंदिर में शादी के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जैसे कि, दोनों पक्षों के आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, आदि। इन दस्तावेजों को शादी से पहले तैयार रखें।
  • शादी की तिथि और समय तय करें। आर्य समाज मंदिरों में शादी की तिथि और समय तय करने के लिए पहले से ही बुकिंग करनी होती है। इसलिए, अपनी शादी की तिथि और समय तय करने के लिए जल्दी से मंदिर में संपर्क करें।
  • शादी की तैयारियों को समय से शुरू करें। शादी की तैयारियों को समय से शुरू करने से आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। शादी की तैयारियों में शामिल हैं, जैसे कि, शादी का मंडप सजाना, शादी के कपड़े खरीदना, शादी का भोजन का इंतजाम करना, आदि।
  • शादी की रस्मों को अच्छी तरह से समझ लें। आर्य समाज मंदिर में शादी की रस्में हिंदू धर्म के अनुसार होती हैं। इसलिए, शादी की रस्मों को अच्छी तरह से समझ लें। इससे आपको शादी के दिन किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
  • शादी की लागत का अनुमान लगाएं। आर्य समाज मंदिर में शादी की लागत अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, शादी की लागत का अनुमान लगाएं। इससे आपको शादी की तैयारियों के लिए बजट तैयार करने में मदद मिलेगी।

आर्य समाज शादी के बाद तलाक (Divorce After Arya Samaj Marriage)

आर्य समाज मंदिर में हुई शादी को भी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत मान्यता प्राप्त है। इसलिए, आर्य समाज विवाह के बाद तलाक के लिए भी हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं।

हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक के लिए निम्नलिखित आधार हैं:

  • व्यभिचार
  • क्रूरता
  • मानसिक बीमारी
  • 15 साल की अवधि तक अलग रहना
  • वैवाहिक कर्तव्यों का पालन न करना
  • पति या पत्नी का धर्म परिवर्तन

आर्य समाज विवाह के बाद तलाक के लिए, पति या पत्नी को अपने स्थानीय सक्षम न्यायालय में तलाक के लिए याचिका दायर करनी होगी। याचिका में तलाक के लिए आधार और तलाक के बाद के आदेशों के बारे में जानकारी शामिल होनी चाहिए।

न्यायालय तलाक की याचिका पर सुनवाई करेगा और तलाक के लिए आधार की वैधता की जांच करेगा। यदि न्यायालय तलाक के लिए आधार को वैध पाता है, तो वह तलाक की डिक्री पारित कर सकता है।

आर्य समाज विवाह के बाद तलाक के लिए शुल्क राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर, शुल्क ₹500 से ₹5000 तक हो सकता है।

आर्य समाज विवाह के बाद तलाक के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखने योग्य हैं:

  • तलाक की याचिका दायर करने के लिए, पति या पत्नी को वैध रूप से विवाहित होना चाहिए।
  • तलाक की याचिका दायर करने के लिए, पति या पत्नी को तलाक के लिए आधार होना चाहिए।
  • तलाक की याचिका दायर करने के लिए, पति या पत्नी को शुल्क का भुगतान करना होगा।

आर्य समाज विवाह के बाद तलाक एक जटिल कानूनी प्रक्रिया हो सकती है। इसलिए, तलाक की याचिका दायर करने से पहले किसी अनुभवी वकील से सलाह लेना हमेशा उचित होता है।

निष्कर्ष: 

आर्य समाज शादी (Arya Samaj Marriage) एक वैध और मान्यता प्राप्त शादी है जो हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार होती है। यह शादी जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्त होती है। आर्य समाज शादी करने के लिए, दूल्हे और दुल्हन को आर्य समाज मंदिर में आवेदन करना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।

Arya Samaj Marriage: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्र: क्या आर्य समाज की शादी वैध है?

उत्तर: हां, आर्य समाज की शादी वैध है। आर्य समाज मैरिज वैलिडेशन एक्ट 1937 के तहत, आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादी को कानूनी मान्यता दी गई है। इस एक्ट के अनुसार, दूल्हे की उम्र 21 साल से अधिक और दुल्हन की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा, दोनों पक्षों को स्वेच्छा से शादी के लिए सहमत होना चाहिए।

प्रश्र: आर्य समाज का विवाह कैसे होता है?

उत्तर: आर्य समाज का विवाह हिंदू धर्म के अनुसार होता है। इसमें अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए जाते हैं। इसके अलावा, अन्य हिंदू विवाह रस्में जैसे कि, हल्दी, मेहंदी, सगाई, और विवाह समारोह भी होते हैं।

प्रश्र: आर्य समाज में कौन विवाह कर सकता है?

उत्तर: आर्य समाज में कोई भी व्यक्ति विवाह कर सकता है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, या राष्ट्रीयता का हो। हालांकि, दोनों पक्षों को हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को मानना चाहिए।

प्रश्र: आर्य समाज के विवाह में कितना समय लगता है?

उत्तर: आर्य समाज के विवाह में आमतौर पर दो से तीन घंटे लगते हैं। हालांकि, यह समय शादी की रस्मों और अन्य आयोजनों पर निर्भर करता है।

प्रश्र: आर्य समाज कौन सा धर्म है?

उत्तर: आर्य समाज एक धर्म नहीं है, बल्कि एक सामाजिक सुधार आंदोलन है। यह आंदोलन हिंदू धर्म की कुरीतियों को दूर करने के लिए शुरू किया गया था। आर्य समाज के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को मानते हैं, लेकिन वे मूर्ति पूजा और जाति व्यवस्था का विरोध करते हैं।

प्रश्र: आर्य कौन सी जाति में आते हैं?

उत्तर: आर्य किसी भी जाति में नहीं आते हैं। आर्य एक सामाजिक वर्ग है, जो हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को मानता है।

प्रश्र: आर्य समाज शादी के बाद तलाक कैसे ले?

उत्तर: आर्य समाज में तलाक लेने के लिए, दोनों पक्षों को आर्य समाज के न्यायालय में अर्जी देनी होती है। न्यायालय तलाक की अर्जी को सुनने के बाद तलाक का आदेश जारी कर सकता है।

प्रश्र: आर्य समाज विवाह के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?

उत्तर: आर्य समाज विवाह के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:

  • दोनों पक्षों के आधार कार्ड
  • दोनों पक्षों के जन्म प्रमाण पत्र
  • दोनों पक्षों की जाति प्रमाण पत्र
  • दोनों पक्षों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र
  • दोनों पक्षों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

प्रश्र: क्या आर्य समाजी हिंदू है?

उत्तर: हां, आर्य समाजी हिंदू हैं। आर्य समाज के लोग हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को मानते हैं, लेकिन वे मूर्ति पूजा और जाति व्यवस्था का विरोध करते हैं।

प्रश्र: आर्य समाज में लोग शादी क्यों करते हैं?

उत्तर: आर्य समाज में लोग शादी इसलिए करते हैं ताकि एक साथ जीवन बिता सकें। आर्य समाज के लोग मानते हैं कि शादी एक पवित्र बंधन है, जो दो लोगों को एक साथ बांधता है।

प्रश्र: आर्य समाज के लोग किसकी पूजा करते हैं?

उत्तर: आर्य समाज के लोग हिंदू धर्म के मूल देवताओं की पूजा करते हैं। इनमें ब्रह्मा, विष्णु, और शिव प्रमुख हैं।

प्रश्र: आर्य समाज का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

उत्तर: आर्य समाज का मुख्यालय हरियाणा के हिसार शहर में स्थित है।

प्रश्र: आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म की कुरीतियों को दूर करना और हिंदू धर्म को एक आधुनिक रूप देना है।

प्रश्र: क्या आर्य समाज का विवाह कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी है?

उत्तर: नहीं, आर्य समाज का विवाह कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी नहीं है। हालांकि, अगर आप आर्य समाज में शादी करते हैं, तो आपको अपनी शादी को कोर्ट में रजिस्टर कराना जरूरी है। कोर्ट में रजिस्टर करने से आपकी शादी को कानूनी मान्यता मिल जाती है।

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