What is Surrogacy Law in India: जानिए क्या हैं नए नियम, कौन कर सकता है सरोगेसी, और क्या हैं इसके फायदे-नुकसान।
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What is Surrogacy Law in India:
क्या आप भारत में सरोगेसी (Surrogacy in India) के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? सरोगेसी (Surrogacy) एक ऐसी प्रक्रिया है जो उन दंपत्तियों के लिए एक आशा की किरण है जो किसी कारणवश खुद से संतान उत्पन्न नहीं कर सकते। यह एक जटिल लेकिन प्रभावशाली चिकित्सा तकनीक है, जिसका उद्देश्य परिवारों को संतान प्राप्ति का एक सुरक्षित और वैध तरीका प्रदान करना है।
इस लेख में, हम आपको सरोगेसी क्या है की बुनियादी जानकारी से लेकर, सरोगेसी के नियम और सरोगेसी के लाभ तक सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से जानकारी देंगे। Surrogacy (Regulation) Act, 2021 और Surrogacy Rules in India 2024 के तहत लागू किए गए नियमों की व्याख्या करेंगे, ताकि आप समझ सकें कि यह प्रक्रिया कैसे संचालित होती है और किसे इसका लाभ मिल सकता है।
हम सरोगेसी के प्रकार, सरोगेसी में कितना खर्च आता है, और What is surrogacy law in India जैसे प्रमुख बिंदुओं पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि आप इस विषय पर एक संपूर्ण दृष्टिकोण प्राप्त कर सकें। अगर आप जानना चाहते हैं कि Who can opt for surrogacy in India और Is surrogacy legal in India for foreigners, तो यह गाइड आपके सभी सवालों का जवाब देने में सक्षम होगा।
सरोगेसी क्या है? (What is Surrogacy?)
सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला, जिसे हम सरोगेट मां कहते हैं, किसी अन्य जोड़े के बच्चे को अपने गर्भ में धारण करती है और जन्म देती है। यह प्रक्रिया उन जोड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प है जो किसी कारणवश प्राकृतिक तरीके से संतान प्राप्ति नहीं कर सकते।
भारत में सरोगेसी के नियम (Surrogacy Law in India)
Surrogacy (Regulation) Act, 2021 के तहत भारत में सरोगेसी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। Surrogacy law in India का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के शोषण को रोकना और बच्चों के हितों की रक्षा करना है। यह अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि सरोगेसी केवल उन दंपत्तियों के लिए उपलब्ध हो, जिन्हें चिकित्सा कारणों से इसकी आवश्यकता होती है।
सरोगेसी के नए नियम क्या हैं? (Current status of surrogacy in India)
What is surrogacy law in india के अनुसार, सरोगेसी के निम्नलिखित नियम निर्धारित किए गए हैं:
- केवल विवाहित जोड़े: केवल वैध रूप से विवाहित जोड़े ही सरोगेसी करा सकते हैं। उन्हें विवाह के कम से कम 5 साल हो चुके होने चाहिए।
- चिकित्सीय आवश्यकता: दंपत्ति को चिकित्सीय कारण होना चाहिए जिसके कारण वे स्वयं बच्चा पैदा नहीं कर सकते। यह Current status of surrogacy in India के अनुसार महत्वपूर्ण है।
- सरोगेट मां की पात्रता: सरोगेट मां को एक विवाहित महिला होना चाहिए, जिसका अपना एक बच्चा हो और उसने पहले कभी सरोगेसी नहीं कराई हो। इसके अलावा, उसकी उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए।
- मुआवजा और चिकित्सा व्यय: सरोगेट मां को केवल चिकित्सा व्यय और बीमा कवरेज दिया जा सकता है, अन्य किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जा सकता। Surrogacy rules in India 2024 इस बात को और स्पष्ट करते हैं।
- भारतीय नागरिकता: सरोगेसी कराने वाले दंपत्ति को भारतीय नागरिक होना चाहिए और वे मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए।
सरोगेसी के प्रकार (Types of Surrogacy)
भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार की सरोगेसी की अनुमति है:
1. पूर्ण सरोगेसी (Gestational Surrogacy)
इसमें सरोगेट मां के गर्भाशय में इच्छुक माता के अंडाणु और पिता के शुक्राणु का निषेचन किया जाता है। यह अधिक सामान्य और कानूनी रूप से स्वीकृत प्रकार है।
2. आंशिक सरोगेसी (Traditional Surrogacy)
इसमें सरोगेट मां का अंडाणु और इच्छुक पिता का शुक्राणु निषेचित किया जाता है। हालांकि, यह प्रकार भारत में कानूनी रूप से मान्य नहीं है। इसे अक्सर surrogacy ke prakar में शामिल किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग कम होता है।
सरोगेसी की प्रक्रिया (Process of Surrogacy)
सरोगेसी की प्रक्रिया कई चरणों में संपन्न होती है, जिसमें कानूनी, चिकित्सा और नैतिक पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। यहां हम प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं:
- योग्यता जांच: सबसे पहले, जोड़े और सरोगेट मां की योग्यता की जांच की जाती है। यह जांच सुनिश्चित करती है कि दंपत्ति और सरोगेट मां दोनों Surrogacy Act के तहत कानूनी और चिकित्सीय मानकों को पूरा करते हैं।
- चिकित्सा परीक्षण: दोनों पक्षों का चिकित्सा परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और प्रक्रिया के लिए उपयुक्त हैं।
- अंडाणु निषेचन: पिता के शुक्राणु और माता के अंडाणु को प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है। यह निषेचित अंडाणु फिर सरोगेट मां के गर्भाशय में रोपित किया जाता है।
- भ्रूण का रोपण: सफल निषेचन के बाद, भ्रूण को सरोगेट मां के गर्भाशय में रोपित किया जाता है। यह प्रक्रिया आईवीएफ (In-Vitro Fertilization) तकनीक के माध्यम से की जाती है।
- गर्भावस्था: सरोगेट मां 9 महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में धारण करती है। इस दौरान नियमित चिकित्सा जांच और देखभाल की जाती है।
- जन्म और कानूनी प्रक्रिया: बच्चे का जन्म होने के बाद, कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसमें बच्चे को इच्छुक दंपत्ति को सौंपने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज और शपथपत्र शामिल होते हैं। Surrogacy Rules in India के अनुसार यह प्रक्रिया कानूनी और नैतिक रूप से सही होनी चाहिए।
सरोगेसी के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required For Surrogacy)
सरोगेसी प्रक्रिया को कानूनी रूप से सही और वैध बनाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- विवाह प्रमाण पत्र
- चिकित्सा रिपोर्ट
- आय प्रमाण पत्र
- कानूनी अनुबंध (सरोगेट मां और इच्छुक दंपत्ति के बीच)
सरोगेसी में कितना खर्च आता है? (How much does Surrogacy Cost?)
सरोगेसी के खर्च में कई पहलू शामिल होते हैं। इसमें चिकित्सा सुविधाएं, दवाएं, सरोगेट मां की चिकित्सा देखभाल, और कानूनी खर्च शामिल हैं।
भारत में सरोगेसी का खर्च (Surrogacy ka Kharch) लगभग 15 लाख से 30 लाख रुपये तक हो सकता है। What is surrogacy law in india latest news के अनुसार, यह खर्च दंपत्ति की वित्तीय स्थिति, चिकित्सा जटिलताओं और कानूनी आवश्यकताओं पर निर्भर कर सकता है।
सरोगेसी के लाभ (Benefits of Surrogacy)
- उन जोड़ों के लिए एक विकल्प जो स्वयं बच्चा पैदा नहीं कर सकते।
- एक पूर्ण परिवार बनाने का अवसर।
- सामाजिक और भावनात्मक संतुष्टि।
सरोगेसी के नुकसान (Disadvantages of Surrogacy)
- उच्च लागत।
- शारीरिक और मानसिक तनाव, विशेषकर सरोगेट मां के लिए।
- कानूनी जटिलताएं, खासकर अगर किसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
- समाजिक दृष्टिकोण से चुनौतियाँ।
भारत में विदेशी नागरिकों के लिए सरोगेसी (Is Surrogacy Legal In India for Foreigners?)
यह एक आम सवाल है। 2015 में भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों के लिए सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया था कि विदेशी नागरिकों द्वारा सरोगेसी का दुरुपयोग न हो। अब, केवल भारतीय नागरिक ही Surrogacy Act के तहत सरोगेसी करवा सकते हैं।
निष्कर्ष:
भारत में सरोगेसी के नियम और कानून (What is Surrogacy Law in India) इस प्रक्रिया को सुरक्षित और नैतिक बनाने में सहायक हैं। Surrogacy (Regulation) Act, 2021 और Surrogacy Rules in India 2024 ने इस प्रक्रिया में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सरोगेसी का उपयोग केवल उन दंपत्तियों द्वारा किया जाए जिन्हें इसकी वास्तविक आवश्यकता है, और इस प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षों के अधिकारों और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। Surrogacy ke prakar और अन्य विवरणों को समझना भी इस प्रक्रिया को सही ढंग से अपनाने में मदद करता है।
What is Surrogacy Law in India: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: सरोगेसी बच्चा कैसे पैदा होता है?
उत्तर: सरोगेसी में, एक सरोगेट मां (जो कि एक अन्य महिला होती है) इच्छित दंपत्ति के गर्भाशय में निषेचित अंडाणु को धारण करती है और बच्चे को जन्म देती है। यह प्रक्रिया या तो पूर्ण सरोगेसी (जहाँ सरोगेट मां का अंडाणु और दंपत्ति का शुक्राणु प्रयोग किया जाता है) या आंशिक सरोगेसी (जहाँ सरोगेट मां का अंडाणु और दंपत्ति का शुक्राणु प्रयोग किया जाता है) होती है।
प्रश्र: सरोगेसी के नियम क्या हैं?
उत्तर: भारत में, Surrogacy (Regulation) Act, 2021 के तहत, सरोगेसी के नियम निम्नलिखित हैं:
- केवल वैध विवाहित दंपत्ति ही सरोगेसी करा सकते हैं।
- दंपत्ति को चिकित्सा कारण होना चाहिए जो स्वयं संतान पैदा करने में असमर्थता को दर्शाता हो।
- सरोगेट मां को विवाहित होना चाहिए और उसके खुद के बच्चे होने चाहिए।
- सरोगेट मां को केवल चिकित्सा खर्च और बीमा कवरेज मिल सकता है, कोई अन्य मुआवजा नहीं।
- सरोगेसी प्रक्रिया केवल अधिकृत केंद्रों पर की जा सकती है।
प्रश्र: सरोगेसी में कितना खर्च आता है?
उत्तर: भारत में सरोगेसी का खर्च आमतौर पर 15 लाख से 30 लाख रुपये के बीच होता है, जिसमें चिकित्सा सुविधाएँ, दवाइयाँ, सरोगेट मां को मुआवजा, और कानूनी खर्च शामिल होते हैं।
प्रश्र: सरोगेसी कब की जाती है?
उत्तर: सरोगेसी तब की जाती है जब एक दंपत्ति या व्यक्ति संतान उत्पन्न करने में सक्षम नहीं होते, चाहे चिकित्सा कारणों से हो या अन्य कारणों से। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब दंपत्ति ने अन्य विकल्पों को पूरा कर लिया हो और सरोगेसी एक viable विकल्प हो।
प्रश्र: सरोगेसी से बच्चे कैसे पैदा होते हैं?
उत्तर: सरोगेसी में, एक सरोगेट मां के गर्भाशय में निषेचित अंडाणु रोपित किया जाता है, और यह प्रक्रिया गर्भावस्था के समान होती है। निषेचित अंडाणु दंपत्ति के अंडाणु और शुक्राणु से प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है।
प्रश्र: सरोगेसी में स्पर्म कौन देता है?
उत्तर: सरोगेसी में, स्पर्म आमतौर पर इच्छित पिता या दंपत्ति के पिता द्वारा प्रदान किया जाता है। कभी-कभी, डोनर स्पर्म का उपयोग भी किया जा सकता है यदि दंपत्ति के पास अपने खुद के स्पर्म की कमी हो।
प्रश्र: क्या भारत में सरोगेसी की अनुमति है?
उत्तर: हाँ, भारत में सरोगेसी की अनुमति है, लेकिन यह Surrogacy (Regulation) Act, 2021 के तहत कई नियमों और शर्तों के अधीन है।
प्रश्र: क्या भारत में सरोगेसी वैध है?
उत्तर: हाँ, भारत में सरोगेसी वैध है, लेकिन इसे केवल विशिष्ट नियमों और शर्तों के तहत ही किया जा सकता है, जो Surrogacy Act के द्वारा निर्धारित हैं।
प्रश्र: सरोगेसी प्रेग्नेंट कैसे होती है?
उत्तर: सरोगेसी में, सरोगेट मां प्रेग्नेंट होती है जब दंपत्ति के अंडाणु और शुक्राणु को प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है और उस निषेचित अंडाणु को सरोगेट मां के गर्भाशय में रोपित किया जाता है।
प्रश्र: सरोगेसी में डोनर कौन है?
उत्तर: सरोगेसी में डोनर वह व्यक्ति होता है जो अंडाणु या शुक्राणु प्रदान करता है, अगर दंपत्ति के पास खुद का अंडाणु या शुक्राणु उपलब्ध नहीं है। यह डोनर आमतौर पर एक अस्पताल या क्लिनिक के माध्यम से चयनित किया जाता है।
प्रश्र: सरोगेसी से बच्चा पैदा होने में कितना समय लगता है?
उत्तर: सरोगेसी से बच्चे के जन्म तक लगभग 9 महीने का समय लगता है, जो एक सामान्य गर्भावस्था की अवधि होती है।
प्रश्र: भारत में सरोगेसी का खर्च कितना है?
उत्तर: भारत में सरोगेसी का खर्च लगभग 15 लाख से 30 लाख रुपये तक हो सकता है, जिसमें चिकित्सा खर्च, दवाइयाँ, कानूनी शुल्क और सरोगेट मां के खर्च शामिल होते हैं।
प्रश्र: सरोगेसी से कितने बच्चे पैदा होते हैं?
उत्तर: सरोगेसी से आमतौर पर एक ही बच्चा पैदा होता है, हालांकि कभी-कभी जुड़वां बच्चे भी हो सकते हैं, यदि निषेचित अंडाणु के कई भ्रूण विकसित हों।
प्रश्र: सरोगेसी कानून क्या है?
उत्तर: Surrogacy (Regulation) Act, 2021 भारत में सरोगेसी को विनियमित करने वाला कानून है, जो सरोगेसी के नियम, प्रक्रिया और शर्तों को निर्धारित करता है।
प्रश्र: भारत में सरोगेसी के बारे में क्या कानून है?
उत्तर: भारत में, Surrogacy (Regulation) Act, 2021 सरोगेसी के संचालन और विनियमन के लिए लागू होता है, जो सरोगेट मां और दंपत्ति के अधिकार और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है।
प्रश्र: सरोगेसी से माँ कैसे बनती है?
उत्तर: सरोगेसी में, सरोगेट मां वह महिला होती है जो दंपत्ति के लिए बच्चे को गर्भ में धारण करती है और उसे जन्म देती है, लेकिन बच्चे की आनुवंशिक माँ नहीं होती है, बल्कि वह गर्भधारण और जन्म देने की प्रक्रिया में होती है।
प्रश्र: क्या हम भारत में सरोगेसी में लिंग चुन सकते हैं?
उत्तर: भारत में सरोगेसी में लिंग चयन कानूनी रूप से अनुमति प्राप्त नहीं है। लिंग चयन केवल चिकित्सा कारणों के लिए और जटिलताओं की स्थिति में किया जा सकता है।
प्रश्र: सरोगेसी से बच्चा पैदा करने का मतलब क्या होता है?
उत्तर: सरोगेसी से बच्चा पैदा करने का मतलब है कि एक महिला (सरोगेट मां) किसी अन्य दंपत्ति के बच्चे को गर्भ में धारण करती है और जन्म देती है, जबकि बच्चा दंपत्ति का आनुवंशिक होता है।
प्रश्र: क्या भारत में गर्भकालीन सरोगेसी कानूनी है?
उत्तर: हाँ, भारत में गर्भकालीन सरोगेसी कानूनी है, लेकिन इसे Surrogacy (Regulation) Act, 2021 के तहत कई नियमों और शर्तों के अधीन किया जाता है।