NRI Full Form in Hindi: NRI क्या होता है? जानें कैसे बनें एनआरआई?

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NRI Full Form in Hindi

NRI Full Form in Hindi: NRI क्या होता है? यह लेख आपको बताएगा कि NRI का पूरा रूप क्या है, एनआरआई की स्थिति कैसे प्राप्त करें, और एनआरआई के अधिकार और कर लाभ क्या हैं।

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NRI Full Form in Hindi:

क्या आप भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक (Indian Citizen) हैं? क्या आप जानते हैं कि NRI का क्या मतलब है? यदि नहीं, तो यह लेख आपके लिए है।

भारत सरकार के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के अनुसार, एनआरआई (NRI) वे भारतीय नागरिक हैं जो भारत के बाहर रहते हैं। इस लेख में, हम NRI के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि NRI का पूरा रूप क्या है, एनआरआई की स्थिति कैसे प्राप्त करें, और एनआरआई के अधिकार और कर लाभ क्या हैं।

एनआरआई फुल फॉर्म (NRI Full Form)

एनआरआई (NRI) का पूरा रूप अनिवासी भारतीय (Non-Resident Indian) होता है। यह एक भारतीय नागरिक है जो भारत के बाहर रहता है। भारत में, विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को “अनिवासी भारतीय (NRI)”, “भारतीय विदेशी नागरिक (OCI)” और “भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO)” की तीन विशिष्ट श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।

एनआरआई का अर्थ और परिभाषा (NRI Meaning and Definition)

NRI का मतलब अनिवासी भारतीय (Non-Resident Indian) होता है। हिंदी में, इसे अक्सर अनिवासी या विदेश में रहने वाला भारतीय भी कहा जाता है।

NRI कौन होता है? (Who is NRI?)

NRI एक भारतीय नागरिक है जो भारत के बाहर स्थायी रूप से रहता है। आमतौर पर, जो भारतीय नागरिक किसी भी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत से बाहर रहते हैं, उन्हें NRI माना जाता है।

एनआरआई के अधिकार और कर्तव्य (Rights And Duties Of NRI)

NRI के अधिकार और कर्तव्य निम्नलिखित हैं:

अधिकार–

  • भारत में संपत्ति खरीदने का अधिकार।
  • भारत में व्यवसाय करने का अधिकार।
  • भारत में बैंक खाता खोलने का अधिकार।
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार।
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार।

कर्तव्य–

  • भारत में कर का भुगतान करना।
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना।

एनआरआई श्रेणी (NRI Category/ Types of NRI) 

भारत से बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में वर्गीकृत किया जाता है:

  1. अनिवासी भारतीय (एनआरआई) – Non-Resident Indian (NRI)

NRI का अर्थ:

NRI का मतलब अनिवासी भारतीय होता है। हिंदी में, इसे अक्सर अनिवासी या विदेश में रहने वाला भारतीय भी कहा जाता है।

NRI के नियम:

  • वह भारतीय नागरिक जो किसी भी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत से बाहर रहता है, उसे NRI माना जाता है।
  • NRI को भारत में निवेश करने, संपत्ति खरीदने और भारत से आय प्राप्त करने का अधिकार है।
  • NRI को भारत में कर का भुगतान करना पड़ता है।

NRI के अधिकार:

  • भारत में निवेश करने का अधिकार (कुछ प्रतिबंधों के साथ)
  • भारत में व्यवसाय स्थापित करने का अधिकार
  • भारत में बैंक खाता खोलने का अधिकार
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार

NRI के कर्तव्य:

  • भारत में आय पर कर का भुगतान करना
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना
  1. भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) – Person of Indian Origin (PIO)

PIO का अर्थ:

PIO का मतलब भारतीय मूल का व्यक्ति होता है। यह वह व्यक्ति है जिसका जन्म भारत में हुआ हो या जिसकी माता या पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो।

PIO के नियम:

  • PIO को भारत में निवेश करने और व्यापार स्थापित करने का अधिकार है।
  • PIO को भारत में वीजा-मुक्त यात्रा और कुछ कर लाभ प्राप्त करने का अधिकार है।

PIO के अधिकार:

  • भारत में निवेश करने का अधिकार
  • भारत में व्यवसाय स्थापित करने का अधिकार
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार

PIO के कर्तव्य:

  • भारत में आय पर कर का भुगतान करना
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना
  1. भारतीय विदेशी नागरिक (ओसीआई) – Overseas Citizen of India (OCI)

OCI का अर्थ:

OCI का मतलब भारतीय विदेशी नागरिक होता है। यह वह व्यक्ति है जो भारतीय मूल का है और किसी अन्य देश का नागरिक है।

OCI के नियम:

  • OCI को भारत में आजीवन बहु-प्रवेश वीजा प्राप्त करने का अधिकार है।
  • OCI को संपत्ति खरीदने का अधिकार है और कुछ शर्तों के साथ शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

OCI के अधिकार:

  • भारत में संपत्ति खरीदने का अधिकार
  • भारत में व्यवसाय स्थापित करने का अधिकार
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार

OCI के कर्तव्य:

  • भारत में आय पर कर का भुगतान करना
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना

NRI कैटेगरी के बीच अंतर (Difference Between NRI Categories)

विशेषता

NRI

PIO

OCI

रहने की अवधि

182 दिनों से अधिक

कोई सीमा नहीं

कोई सीमा नहीं

भारतीय मूल

हाँ

हाँ

हाँ

भारत के साथ संबंध

सीमित

कुछ

मजबूत

अधिकार

निवेश, संपत्ति खरीद, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा

निवेश, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा

निवेश, व्यवसाय, संपत्ति खरीद, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा

कर

हाँ

हाँ

हाँ

वीजा

आवश्यकता

आवश्यकता

आजीवन बहु-प्रवेश

 

एनआरआई के प्रकार (Types of NRI)

  • रेजिडेंट एनआरआई (Resident NRI)

रेजिडेंट एनआरआई (Resident NRI) वह भारतीय नागरिक है जो किसी भी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहता है। भारत सरकार के वित्तीय वर्ष का अर्थ 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।

रेजिडेंट एनआरआई को भारत में निम्नलिखित अधिकार और कर्तव्य होते हैं:

अधिकार:

  • भारत में निवेश करने का अधिकार
  • भारत में व्यवसाय स्थापित करने का अधिकार
  • भारत में बैंक खाता खोलने का अधिकार
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार

कर्तव्य:

  • भारत में आय पर कर का भुगतान करना
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना

रेजिडेंट एनआरआई को भारत में कमाई पर भारतीय कर दरों पर कर देना पड़ता है। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में, उन्हें कर छूट मिल सकती है।

रेजिडेंट एनआरआई एनआरई (NRE) और एनआरओ (NRO) दोनों खाते खोल सकते हैं। एनआरई खाते (NRE Account) में, वे विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में जमा कर सकते हैं और भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में स्थानांतरित कर सकते हैं। एनआरओ खाते (NRO Account) में, वे केवल विदेशी मुद्रा को जमा कर सकते हैं और स्थानांतरित कर सकते हैं।

रेजिडेंट एनआरआई भारत में संपत्ति खरीद सकते हैं। हालांकि, उन्हें कुछ विशिष्ट शर्तों को पूरा करना होगा।

  • नॉन-रेजिडेंट एनआरआई (Non-Resident NRI)

नॉन-रेजिडेंट एनआरआई (Non-Resident NRI) वह भारतीय नागरिक है जो किसी भी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से कम समय तक भारत में रहता है या बिल्कुल नहीं रहता है।

नॉन-रेजिडेंट एनआरआई को भारत में निम्नलिखित अधिकार और कर्तव्य होते हैं:

अधिकार:

  • भारत में निवेश करने का अधिकार
  • भारत में व्यवसाय स्थापित करने का अधिकार
  • भारत में बैंक खाता खोलने का अधिकार
  • भारत में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
  • भारत में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का अधिकार

कर्तव्य:

  • भारत में आय पर कर का भुगतान करना
  • भारत सरकार के नियमों और विनियमों का पालन करना

नॉन-रेजिडेंट एनआरआई को भारत में कमाई पर भारतीय कर दरों पर कर देना पड़ता है, लेकिन उन्हें कुछ छूट मिल सकती है।

नॉन-रेजिडेंट एनआरआई केवल एनआरई खाता (NRE Account) खोल सकते हैं। एनआरई खाते में, विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में जमा कर सकते हैं और भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में स्थानांतरित कर सकते हैं।

नॉन-रेजिडेंट एनआरआई भारत में संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ विशिष्ट शर्तों को पूरा करना होगा।

  • टैक्स रेजीडेंट NRI और टैक्स नॉन-रेजिडेंट NRI

टैक्स रेजीडेंट NRI, वह NRI है जो किसी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहता है। टैक्स नॉन-रेजिडेंट NRI, वह NRI है जो किसी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से कम समय तक भारत में रहता है या बिल्कुल नहीं रहता है।

टैक्स रेजीडेंट NRI और टैक्स नॉन-रेजिडेंट NRI के बीच मुख्य अंतर यह है कि टैक्स रेजीडेंट NRI को भारत में कमाई पर भारतीय कर दरों पर कर देना पड़ता है, जबकि टैक्स नॉन-रेजिडेंट NRI को भारत में कमाई पर कर देना पड़ता है, लेकिन उन्हें कुछ छूट मिल सकती है।

एनआरआई कैसे बनें?(How To Become A NRI)

NRI बनने के लिए, आपको भारत सरकार को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र में आपकी नागरिकता, निवास की स्थिति और अन्य संबंधित जानकारी शामिल होनी चाहिए।

  1. NRI बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required To Become NRI)

NRI बनने के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • पासपोर्ट: आपके पास वैध पासपोर्ट होना चाहिए। पासपोर्ट में आपकी हालिया तस्वीर और हस्ताक्षर होना चाहिए।
  • पैन कार्ड: आपके पास वैध पैन कार्ड होना चाहिए। पैन कार्ड में आपकी व्यक्तिगत जानकारी और आयकर रिकॉर्ड शामिल होता है।
  • जन्म प्रमाण पत्र: आपके पास वैध जन्म प्रमाण पत्र होना चाहिए। जन्म प्रमाण पत्र में आपकी जन्म तिथि और जन्म स्थान शामिल होता है।
  • निवास प्रमाण पत्र: आपके पास वैध निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए। निवास प्रमाण पत्र में आपके वर्तमान निवास स्थान और निवास की अवधि शामिल होती है।
  • बैंक स्टेटमेंट: आपके पास हालिया बैंक स्टेटमेंट होना चाहिए। बैंक स्टेटमेंट में आपकी आय और संपत्ति का विवरण शामिल होता है।
  • आय प्रमाण पत्र: आपके पास वैध आय प्रमाण पत्र होना चाहिए। आय प्रमाण पत्र में आपकी आय का विवरण शामिल होता है।
  1. NRI बनने के लिए आवेदन पत्र भरना (Filling the application form to become an NRI)

NRI बनने के लिए, आपको भारत सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र ऑनलाइन या ऑफलाइन भरा जा सकता है।

आवेदन पत्र भरते समय, आपको निम्नलिखित जानकारी प्रदान करनी होगी:

  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी: इसमें आपका नाम, पता, जन्म तिथि, नागरिकता, निवास की स्थिति, आदि शामिल हैं।
  • अपनी वित्तीय स्थिति: इसमें आपकी आय, संपत्ति, और बैंक खातों का विवरण शामिल है।
  • आपकी NRI स्थिति के लिए आवेदन करने का कारण: इसमें आप भारत में NRI बनने का कारण बताते हैं।

आवेदन पत्र भरने के बाद, आपको इसे भारत सरकार को भेजना होगा। आवेदन पत्र को भारत सरकार द्वारा स्वीकृत होने में कुछ समय लग सकता है।

  1. NRI बनने के लिए आवेदन शुल्क (Application Fee To Become NRI)

NRI बनने के लिए, आपको एक आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। गैर-निवासी भारतीय (NRI) के लिए आवेदन शुल्क ₹10,000 है। भारतीय विदेशी नागरिक (OCI) के लिए आवेदन शुल्क ₹250 है।

  1. NRI बनने के लिए आवेदन पत्र की स्वीकृति (Approval of Application Form To Become NRI)

भारत सरकार द्वारा आपके आवेदन पत्र की स्वीकृति के बाद, आपको एक स्वीकृति पत्र प्राप्त होगा। स्वीकृति पत्र प्राप्त करने के बाद, आप भारत में NRI के रूप में अपनी सभी गतिविधियों को शुरू कर सकते हैं।

यदि आप भारत के नागरिक हैं और भारत के बाहर रहते हैं, तो NRI बनना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। NRI बनने से आपको भारत में अपनी वित्तीय और व्यक्तिगत गतिविधियों में अधिक लचीलापन मिलता है।

आयकर अधिनियम के अनुसार एनआरआई नियम (NRIs Rules as Per Income Tax Act)

  1. रेजिडेंट बनाम नॉन-रेजिडेंट NRI (Resident vs Non-Resident NRI)

किसी भी वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से अधिक समय तक रहने वाले NRI को “रेजिडेंट NRI” माना जाता है। इनको भारत में कमाई पर भारतीय कर दरों पर कर देना पड़ता है, जैसे किसी भारतीय निवासी के लिए होता है।

किसी भी वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से कम समय तक रहने वाले NRI को “नॉन-रेजिडेंट NRI” माना जाता है। इनको भारत में कमाई पर भारतीय कर दरों पर कर देना पड़ता है, लेकिन इनको कुछ छूट मिल सकती है।

  1. टैक्सेबल इनकम (Taxable Income)

NRI को उस सारी आय पर कर देना पड़ता है जो उन्होंने भारत में या भारत से अर्जित की है। इसमें शामिल हैं:

  • वेतन
  • किराया आय
  • व्यापार से आय
  • पूंजी लाभ
  • ब्याज आय
  • अन्य भारतीय स्रोतों से आय
  1. टैक्स छूट और कटौती (Tax Exemptions And Deductions)

NRI को कुछ खास खर्चों और निवेशों पर छूट और कटौती का लाभ मिल सकता है। जैसे:

  • हाउस रेंट अलाउंस
  • बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च
  • मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
  • निवेश पर छूट (80C सेक्शन के तहत)

NRI को भारत में निवेश करने पर भी कुछ छूट और कटौती मिल सकती है। जैसे:

  • इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पर 80C के तहत छूट
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश पर 80C के तहत छूट
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) में निवेश पर 80C के तहत छूट
  • घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज पर 80C के तहत छूट
  1. एनआरई और एनआरओ खाते (NRE and NRO Accounts)

NRI दो तरह के बैंक खाते खोल सकते हैं: एनआरई (Non-Resident External) और एनआरओ (Non-Resident Ordinary) खाते।

  • एनआरई खाते (NRE Account): विदेशी मुद्रा में खोले जाते हैं और विदेशी मुद्रा ही जमा की जा सकती है। भारतीय मुद्रा में कमाई को इस खाते में डालने पर टैक्स लगता है।
  • एनआरओ खाते (NRO Account): भारतीय मुद्रा में खोले जाते हैं और भारतीय मुद्रा ही जमा की जा सकती है। इस खाते में विदेशी मुद्रा जमा नहीं हो सकती है।
  1. संपत्ति का स्वामित्व (Property Ownership)

NRI भारत में संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। जैसे:

  • कृषि भूमि और स्वामित्व वाले कृषि भवनों को सीधे नहीं खरीद सकते।
  • अन्य तरह की संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है।

NRI को भारत में संपत्ति खरीदने पर कुछ छूट और कटौती भी मिल सकती है। जैसे:

  • घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज पर 80C के तहत छूट
  • घर खरीदने पर 80EE के तहत छूट
  1. डबल टैक्सेशन से बचाव (Avoidance Of Double Taxation)

भारत ने कई देशों के साथ डबल टैक्सेशन एवॉयडेंस एग्रीमेंट (Double Taxation Avoidance Agreement) किए हैं। ऐसे में NRI को एक ही आय पर दो बार कर नहीं देना पड़ता है।

  1. टैक्स फाइलिंग (Tax Filing)

भारत में आय होने पर NRI को हर साल टैक्स रिटर्न फाइल (Tax Return File) करना पड़ता है। टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

कुछ अतिरिक्त जानकारी

  • NRI को भारत में आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए एक PAN (Permanent Account Number) की आवश्यकता होती है।
  • NRI को भारत में आयकर रिटर्न फाइल (Income Tax Return File/ ITR File) करने के लिए एक भारतीय बैंक खाते की आवश्यकता होती है।
  • NRI को भारत में आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए एक भारतीय वकील या टैक्स कंसल्टेंट (Tax Consultant) की मदद लेनी चाहिए।

एनआरआई का दर्जा प्राप्त करने के लिए मानदंड (Criteria to Gain NRI Status)

भारत से बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को NRI (अनिवासी भारतीय) का दर्जा दिया जाता है। NRI बनने के लिए कुछ स्टेटस और शर्तें हैं, आइए उन्हें हिंदी में समझें:

मुख्य स्टेटस:

  • रहने की अवधि (Duration Of Stay):

भारतीय नागरिकता रखने वाले किसी व्यक्ति को NRI माना जाएगा यदि वह किसी वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से कम समय तक रहता है। वित्तीय वर्ष का अर्थ 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप 2023-2024 वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से कम समय तक रहते हैं, तो आप NRI होंगे।

  • भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship):

NRI भारतीय नागरिक होना चाहिए। अगर आप भारत में पैदा हुए हैं और आपके माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक हैं, तो आप भारतीय नागरिक हैं।

शर्तें:

  • विदेशी नागरिकता ग्रहण करना:

अगर किसी वित्तीय वर्ष में आप विदेशी नागरिकता ग्रहण करते हैं, लेकिन उससे पहले तीन वित्तीय वर्षों में आपने भारत में 182 दिनों से कम समय बिताया है, तो भी आप NRI माने जा सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आप 2022-2023 वित्तीय वर्ष में विदेशी नागरिकता ग्रहण करते हैं, लेकिन 2019-2020, 2020-2021, और 2021-2022 वित्तीय वर्षों में आपने भारत में 182 दिनों से कम समय बिताया है, तो आप NRI होंगे।

  • भारत में पैदा होना और भारतीय नागरिकता के तहत निवास स्थान रखना:

अगर आप विदेशी नागरिकता के साथ पैदा हुए हैं, लेकिन भारत में कम से कम एक माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और उन्होंने भारतीय नागरिकता के तहत निवास स्थान रखा है, तो आप NRI माने जा सकते हैं।

उदाहरण के लिए, अगर आप भारत में पैदा हुए हैं, लेकिन आपके माता-पिता दोनों विदेशी नागरिक हैं, और उन्होंने आपके जन्म के बाद भारत में निवास स्थान नहीं रखा है, तो आप NRI नहीं होंगे। हालांकि, अगर आपके माता-पिता में से एक माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और उन्होंने आपके जन्म के बाद भारत में निवास स्थान रखा है, तो आप NRI होंगे।

एनआरआई का दर्जा कैसे प्राप्त करें? (How to get NRI status?)

एनआरआई का दर्जा (NRI Status) हासिल करने का तरीका कुछ चरणों में पूरा किया जाता है:

  • निवास की अवधि की गणना करें

एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए, आपको पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में 182 दिनों से कम रहना होगा। यदि आपने भारत में 182 से अधिक दिन बिताए हैं, तो आपको एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए अन्य मापदंडों को पूरा करना होगा।

निवास की अवधि की गणना करने के लिए, आपको पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में अपने आगमन और प्रस्थान की तारीखों को रिकॉर्ड करना होगा। आप अपने पासपोर्ट, बैंक स्टेटमेंट या अन्य दस्तावेजों से इस जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।

  • आय और रोजगार की जानकारी इकट्ठा करें

एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए, आपको यह भी दिखाना होगा कि आपकी कुल आय का 10% से कम भारत से प्राप्त हुआ है। यदि आपकी भारत से प्राप्त आय आपकी कुल आय का 10% से अधिक है, तो आपको एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए अन्य मापदंडों को पूरा करना होगा।

आय और रोजगार की जानकारी इकट्ठा करने के लिए, आपको अपने पिछले वित्तीय वर्ष के आयकर रिटर्न की जांच करनी होगी। आप अपने पासबुक, बैंक स्टेटमेंट या अन्य दस्तावेजों से भी इस जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।

  • निवास के इरादे की पुष्टि करें

एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए, आपको यह भी दिखाना होगा कि आपका भारत में स्थायी रूप से रहने का कोई इरादा नहीं है। यदि आपके पास भारत में कोई स्थायी घर या व्यवसाय है, तो यह संकेत दे सकता है कि आप भारत में स्थायी रूप से रहने के इच्छुक हैं।

निवास के इरादे की पुष्टि करने के लिए, आपको अपने पासपोर्ट, बैंक स्टेटमेंट या अन्य दस्तावेजों से जानकारी प्रदान करनी होगी।

  • आवश्यक दस्तावेज तैयार करें

एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए, आपको निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • पासपोर्ट
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक स्टेटमेंट
  • पिछले वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न
  • प्रक्रिया का पालन करें

एनआरआई दर्जा प्राप्त करने के लिए, आपको भारत सरकार के आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से संबंधित फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म भरने के बाद, आपको आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म को आयकर विभाग को जमा करना होगा।

फॉर्म को जमा करने के लिए, आप निम्नलिखित विकल्पों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं:

  • डाक द्वारा जमा करें
  • ई-फाइलिंग के माध्यम से जमा करें
  • आयकर विभाग के कार्यालय में जमा करें

लोग एनआरआई क्यों बनते हैं? (Why do people become NRIs?)

कई कारणों से लोग एनआरआई बनने का निर्णय लेते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • बेहतर रोजगार और शिक्षा के अवसर (Better Employment And Education Opportunities): 

भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, और कई लोग बेहतर रोजगार की तलाश में विदेशों में जाते हैं। विदेशों में अक्सर उच्च वेतन और बेहतर करियर के अवसर उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा, कई देश विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थान प्रदान करते हैं, जो लोगों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।

  • उच्च जीवन स्तर (High Standard Of Living): 

कई विकसित देशों में रहने का खर्च और जीवन स्तर भारत की तुलना में अधिक हो सकता है। हालांकि, वहां बेहतर सुविधाएं, आधारभूत संरचना और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली उपलब्ध हो सकती है, जो लोगों को आकर्षित करती हैं। उदाहरण के लिए, कई विकसित देशों में मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और अन्य सामाजिक लाभ उपलब्ध हैं।

  • वैश्विक अनुभव और सांस्कृतिक विविधता (Global Experience And Cultural Diversity): 

विदेशों में रहने से लोगों को विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करने और अपनी सोच को विस्तृत करने का अवसर मिलता है। विदेशों में रहने से लोगों को नए भाषाएँ सीखने, नए दोस्त बनाने और नए अवसरों का पता लगाने का मौका मिलता है।

  • परिवार के साथ रहना (Living With Family): 

कुछ लोग विदेशों में रहने वाले अपने परिवार के सदस्यों के करीब रहने के लिए एनआरआई बनने का निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का परिवार विदेशों में रहता है, तो वह भी विदेशों में रहने का निर्णय ले सकता है ताकि वह अपने परिवार के साथ रह सके।

  • कर लाभ (Tax Benefits): 

कुछ मामलों में, एनआरआई दर्जा का अर्थ भारत में कम कर देनदारी हो सकती है। उदाहरण के लिए, एनआरआई को भारत में अपनी विदेशी आय पर कर नहीं देना पड़ता है। हालांकि, यह काफी जटिल विषय है और हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। एनआरआई दर्जा प्राप्त करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपको इसके कर लाभों के बारे में अच्छी तरह से पता हो।

  • व्यक्तिगत कारण (Personal Reason): 

कुछ लोगों के लिए एनआरआई बनने के पीछे व्यक्तिगत कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि साहसिक कार्य या नए अनुभवों की तलाश। उदाहरण के लिए, कुछ लोग विदेशों में रहकर एक नए जीवन की शुरुआत करना चाहते हैं या दुनिया भर की यात्रा करना चाहते हैं।

  • उम्र और परिवार की स्थिति (Age And Family Situation):

आपकी उम्र और परिवार की स्थिति एनआरआई बनने के आपके निर्णय को प्रभावित कर सकती है। यदि आप युवा हैं और अभी भी अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं, तो आपके पास विदेशों में बसने और एक नया जीवन शुरू करने के लिए अधिक अवसर हो सकते हैं। हालांकि, यदि आपके पास परिवार है, तो आपको अपने परिवार के सदस्यों की जरूरतों और इच्छाओं पर भी विचार करना होगा।

  • आपकी शिक्षा और कौशल (Your Education And Skills):

आपकी शिक्षा और कौशल भी एनआरआई बनने के आपके निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपके पास उच्च शिक्षा और अच्छी तरह से विकसित कौशल हैं, तो आपको विदेशों में नौकरी खोजने में आसानी हो सकती है।

आयकर अधिनियम 1661 के अनुसार एनआरआई किसे माना जाता है? (Who is considered an NRI as per Income Tax Act 1661?)

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(6) के अनुसार, “विदेशी नागरिक” या “एनआरआई” (Non-Resident Indian) का अर्थ है कोई व्यक्ति जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करता है:

  • वह व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है।
  • वह व्यक्ति भारत में स्थायी रूप से निवास नहीं करता है।
  • 60 दिनों से अधिक, यदि वह भारत में पिछले 4 वर्षों में 365 दिनों से अधिक समय तक रहा हो।
  • 182 दिनों से अधिक, यदि वह भारत में पिछले 4 वर्षों में 240 दिनों से अधिक समय तक रहा हो।
  • 120 दिनों से अधिक, यदि वह भारत में पिछले 4 वर्षों में 180 दिनों से अधिक समय तक रहा हो।

यदि कोई व्यक्ति इन शर्तों को पूरा करता है, तो वह एनआरआई माना जाएगा। एनआरआई को भारत में अर्जित आय पर कर देना होता है, लेकिन विदेशों में अर्जित आय पर नहीं है।

एनआरआई के लाभ (Benefits of NRIs)

अनिवासी भारतीय (NRIs) वे भारतीय नागरिक हैं जो विदेश में रहते हैं और काम करते हैं. भारत के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. आइए देखें कि कैसे:

  1. विदेशी मुद्रा का प्रवाह (Foreign Exchange Flow):

NRIs भारत को विदेशी मुद्रा भेजते हैं, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में मदद करता है.

  • यह भारत को आयात के लिए भुगतान करने और विदेशी ऋण चुकाने में सक्षम बनाता है.
  • मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता लाता है और ब्याज दरों को कम रखने में मदद करता है.
  1. निवेश (Investment):

  • NRIs भारत में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करते हैं, जैसे कि रियल एस्टेट, शेयर बाजार, और स्टार्टअप्स.
  • यह रोजगार के अवसर पैदा करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.
  • NRIs का ज्ञान और विशेषज्ञता भारत के उद्योगों को आधुनिक बनाने में भी मदद करता है.
  1. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (Technology Transfer):

  • NRIs विदेशी तकनीक और ज्ञान को भारत में स्थानांतरित करते हैं।
  • यह भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद करता है।
  • NRIs भारत में अनुसंधान और विकास गतिविधियों में भी योगदान देते हैं।
  1. सामाजिक विकास (Social Development):

  • NRIs भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए दान देते हैं.
  • यह गरीबों और वंचितों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है.
  • NRIs भारत में सामाजिक सुधार आंदोलनों में भी सक्रिय हैं.
  1. भारत का ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassador of India):

  • NRIs विदेशों में भारत की संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देते हैं.
  • यह भारत की छवि को सुधारने और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करता है.
  • NRIs भारत के लिए विदेशी निवेश आकर्षित करने में भी मदद करते हैं.

एनआरआई होने के नुकसान (Disadvantages Of Being An NRI)

एनआरआई बनने के कई फायदे होते हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं जिन पर विचार करना चाहिए। यहां कुछ चीजें हैं जो एनआरआई जीवन को थोड़ा मुश्किल बना सकती हैं:

  • परिवार और दोस्तों से दूरी (Distance From Family And Friends): 

शायद सबसे बड़ी चुनौती परिवार और दोस्तों से दूरी है. महत्वपूर्ण जीवन के क्षणों को याद करना, जन्मदिन, त्यौहार, शादी समारोह, उन खास पलों को केवल वीडियो कॉल पर अनुभव करना कठिन होता है.

  • सामाजिक और सांस्कृतिक अनुकूलन (Social And Cultural Adaptation): 

नए देश में घुल-मिलना मुश्किल हो सकता है. भाषा की बाधा, सांस्कृतिक मतभेद, और सामाजिक मेलजोल की कमी अकेलापन महसूस करा सकती है.

  • कर और कानूनी जटिलताएं (Tax and legal implications): 

एनआरआई के लिए भारत में कर प्रणाली जटिल हो सकती है. अलग-अलग नियमों और समय सीमाओं को समझने और उनका पालन करने में दिक्कत आ सकती है.

  • विदेश में बसेरा बनाना (Settling Abroad): 

नए देश में घर ढूंढना, रहने की व्यवस्था करना, और स्थानीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. वीजा नियमों और विदेशी नागरिकों के लिए प्रतिबंधों को समझना भी जरूरी है.

  • अन्य चुनौतियां (Other Challenges): 

समय क्षेत्र में अंतर, बच्चों की परवरिश में कठिनाई, भारतीय भोजन और उत्पादों तक सीमित पहुंच, और भारत में संपत्ति प्रबंधन की जटिलताएं भी एनआरआई जीवन के कुछ पहलू हैं जिन पर विचार करना चाहिए.

एनआरआई जीवन की चुनौतियां (Challenges Faced by NRI)

विदेशों में रहने और काम करने का सपना कई भारतीयों का होता है, लेकिन एनआरआई जीवन चमक-दमक के पीछे भी कुछ सख्तियां छुपी होती हैं. आइए देखें विदेशी धरती पर एनआरआई भाइयों और बहनों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है:

  1. परिवार और दोस्तों से बिछोह (Separated From Family And Friends):

ये शायद सबसे बड़ी चुभन होती है. जन्मदिन, त्यौहार, शादी, गमगीन पल – अपने चाहने वालों से दूर होना हर खुशी में खलता है. वीडियो कॉल से दिल बहलाया तो जा सकता है, मगर असली गले लगने का सुकून अलग ही होता है.

  1. नया देश, नई चुनौती (New Country, New Challenge):

नई जगह में घुल-मिलना मुश्किल होता है. भाषा की दीवार, अलग रिवाज-परंपरा, और अपरिचित सामाजिक माहौल अकेलेपन का एहसास दिला सकते हैं.

  1. कर और कानूनी पचड़ा (Tax And Legal Issues): 

भारत में एनआरआई के लिए टैक्स नियम जटिल हैं. अलग-अलग नियमों को समझना और उनका पालन करना, समय सारिणी का ध्यान रखना, सिरदर्दी बन सकता है.

  1. विदेश में ठिकाना बनाना (Settle Abroad): 

नए देश में रहने की जगह ढूंढना, सरकारी औपचारिकताएं पूरी करना, स्थानीय सुविधाओं तक पहुंच हासिल करना, सब मुश्किल भरा लगता है. वीजा नियम और परदेशी होने की पाबंदियां भी परेशानी बढ़ा सकती हैं.

  1. बची चुनौतियां (Remaining Challenges): 

वक्त का फासला, बच्चों की परवरिश, भारतीय स्वाद और चीज़ों का मिलना मुश्किल होना, विदेश में सम्पत्ति की देखभाल – ये भी एनआरआई जीवन के कुछ हिस्से हैं.

एनआरआई खातों के विभिन्न प्रकार (Different Types of NRI Accounts)

भारत में एनआरआई के लिए अलग-अलग तरह के खाते उपलब्ध हैं, जो उनकी विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। आइए देखते हैं:

  1. बचत खाता (Savings Account):

  • सबसे आम एनआरआई खाता।
  • भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा में खोला जा सकता है।
  • ब्याज कमाते हैं, जो भारतीय कर कानूनों के तहत कर-मुक्त हो सकते हैं।
  • एटीएम कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध।
  1. चालू खाता (Current Account):

  • दैनिक लेन-देन के लिए उपयुक्त।
  • आमतौर पर विदेशी मुद्रा में खोला जाता है।
  • कम या बिल्कुल ब्याज नहीं मिलता।
  • चेक जारी करने और प्राप्त करने की सुविधा।
  1. नॉन-रेजिडेंट (ऑर्डिनरी) (NRO) खाता:

  • भारतीय रुपये में खोला जाता है।
  • विदेशी आय भारत में जमा करने के लिए इस्तेमाल होता है।
  • ब्याज पर भारतीय कर लगता है।
  • विदेश में रुपये ट्रांसफर करने में सीमितताएं।
  1. नॉन-रेजिडेंट (एक्सटर्नल) (NRE) खाता:

  • विदेशी मुद्रा में खोला जाता है।
  • विदेश में कमाई जमा करने के लिए इस्तेमाल होता है।
  • ब्याज पर भारतीय कर नहीं लगता।
  • विदेश में स्वतंत्र रूप से धन ट्रांसफर करने की सुविधा।
  1. फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट (एक्सटर्नल) (FCNR(B)) खाता:

  • सावधि जमा खाता।
  • विदेशी मुद्रा में निवेश का विकल्प।
  • आकर्षक ब्याज दरें मिलती हैं।
  • कर लाभ हो सकते हैं।

एनआरआई के लिए खाता चुनने के लिए कुछ सुझाव:

  • अपनी वित्तीय जरूरतों को समझें।
  • कर निहितार्थों पर विचार करें।
  • ब्याज दरों और शुल्कों की तुलना करें।
  • एक प्रतिष्ठित बैंक चुनें।
  • खाते की शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

एनआरआई खातों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए भारत के किसी अनुमोदित विदेशी मुद्रा बैंक या किसी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

विदेश में NRI की संख्या (Number of NRIs Abroad)

2022 तक, भारत में लगभग 3.1 करोड़ एनआरआई हैं। इनमें से, लगभग 2.6 करोड़ एनआरआई विदेशों में रहते हैं।

एनआरआई नागरिकों के विदेशी आंकड़े निम्नलिखित हैं:

देश

एनआरआई नागरिकों की संख्या (2022)

संयुक्त राज्य अमेरिका

1.2 करोड़

कनाडा

40 लाख

यूनाइटेड किंगडम

30 लाख

ऑस्ट्रेलिया

20 लाख

सऊदी अरब

15 लाख

संयुक्त अरब अमीरात

10 लाख

कतर

5 लाख

कुवैत

4 लाख

इन आंकड़ों से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे ज्यादा एनआरआई हैं। इसके बाद कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, और ऑस्ट्रेलिया आते हैं।

भारत के राज्यों के आधार पर विदेश में एनआरआई की संख्या (Number of NRIs Abroad Based On Indian States)

2022 के आंकड़ों के अनुसार, भारत के राज्यों के आधार पर विदेश में एनआरआई की संख्या:

राज्य

एनआरआई की संख्या (लाख)

महाराष्ट्र

60

गुजरात

40

तमिलनाडु

30

कर्नाटक

20

उत्तर प्रदेश

15

दिल्ली

10

पश्चिम बंगाल

10

राजस्थान

10

इस टेबल से पता चलता है कि महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा लोग विदेश में एनआरआई हैं। इसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, और कर्नाटक आते हैं।

निष्कर्ष:

इस लेख में, हमने आपको NRI के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की है। यदि आप भारत से बाहर रह रहे हैं और एनआरआई की स्थिति प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

NRI Full Form in Hindi: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्र: NRI का अर्थ क्या होता है?

उत्तर: NRI का अर्थ है “Non-Resident Indian” यानी “अनिवासी भारतीय”। यह भारत के नागरिक हैं जो भारत के बाहर रहते हैं।

प्रश्र: एनआरआई का क्या काम होता है?

उत्तर: एनआरआई का काम भारत से बाहर रहकर भी भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देना होता है। वे भारत में निवेश कर सकते हैं, संपत्ति खरीद सकते हैं, और अपने परिवार को समर्थन दे सकते हैं।

प्रश्र: एनआरआई कब बनता है?

उत्तर: एक व्यक्ति तब एनआरआई बनता है जब वह भारत में 182 दिनों से कम रहता है।

प्रश्र: भारत में एनआरआई खाता क्या है?

उत्तर: भारत में एनआरआई खाता एक विदेशी मुद्रा खाता (Foreign Currency Account) है जो भारत के बाहर रहने वाले भारतीयों के लिए खोला जाता है। इस खाते में, भारतीय रुपये (INR) और विदेशी मुद्रा दोनों जमा किए जा सकते हैं।

प्रश्र: विदेश में रहने वाले भारतीय को क्या कहते हैं?

उत्तर: विदेश में रहने वाले भारतीय को NRI, OCI, या PIO कहा जाता है।

प्रश्र: एनआरआई खाते के लिए कौन पात्र है?

उत्तर: भारत के नागरिक जो भारत के बाहर रहते हैं, वे एनआरआई खाते के लिए पात्र हैं।

प्रश्र: भारत में कितने एनआरई खाते खोले जा सकते हैं?

उत्तर: एक व्यक्ति भारत में एक से अधिक एनआरई खाते खोल सकता है।

प्रश्र: क्या एनआरआई भारत में जमीन खरीद सकता है?

उत्तर: हां, एनआरआई भारत में जमीन खरीद सकता है। हालांकि, कुछ राज्यों में एनआरआई के लिए जमीन खरीदने के लिए कुछ अतिरिक्त शर्तें लागू होती हैं।

प्रश्र: किस राज्य में सबसे ज्यादा एनआरआई है?

उत्तर: महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एनआरआई हैं।

प्रश्र: एनआरआई बनने के लिए कितने दिन चाहिए?

उत्तर: एक व्यक्ति तब एनआरआई बनता है जब वह भारत में 182 दिनों से कम रहता है।

प्रश्र: NRO और NRE खाते में क्या अंतर है?

उत्तर: NRO खाता एक सामान्य विदेशी मुद्रा खाता है जो भारत के बाहर रहने वाले भारतीयों के लिए खोला जाता है। इस खाते में, केवल विदेशी मुद्रा जमा की जा सकती है। NRE खाता एक विदेशी मुद्रा खाता है जो भारत के बाहर रहने वाले भारतीयों के लिए खोला जाता है। इस खाते में, भारतीय रुपये (INR) और विदेशी मुद्रा दोनों जमा किए जा सकते हैं।

प्रश्र: भारत में कितने एनआरआई हैं?

उत्तर: भारत में लगभग 3.1 करोड़ एनआरआई हैं।

प्रश्र: यदि कोई एनआरआई भारत में संपत्ति खरीदता है तो क्या उसे संपत्ति कर का भुगतान करने की आवश्यकता होती है?

उत्तर: हां, यदि कोई एनआरआई भारत में संपत्ति खरीदता है तो उसे संपत्ति कर का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। हालांकि, एनआरआई को भारत में संपत्ति खरीदने के लिए कुछ कर लाभ भी मिलते हैं।

प्रश्र: NRI कैसे बनते हैं?

उत्तर: एनआरआई बनने के लिए, आपको भारत सरकार को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र में आपकी नागरिकता, निवास की स्थिति, और अन्य संबंधित जानकारी शामिल होनी चाहिए।

प्रश्र: क्या एनआरआई भारत में जमीन खरीद सकता है?

उत्तर: हां, एनआरआई भारत में जमीन खरीद सकता है। हालांकि, कुछ राज्यों में एनआरआई के लिए जमीन खरीदने के लिए कुछ अतिरिक्त शर्तें लागू होती हैं।

प्रश्र: क्या एनआरआई भारत का नागरिक है?

उत्तर: नहीं, एनआरआई भारत का नागरिक नहीं है। एनआरआई भारत का नागरिक है, लेकिन वह भारत के बाहर रहता है।

प्रश्र: भारत में एनआरआई के लिए क्या नियम हैं?

उत्तर: भारत में एनआरआई के लिए कुछ नियम हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • एनआरआई भारत में 182 दिनों से अधिक नहीं रह सकते हैं।
  • एनआरआई भारत में निवेश कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा।
  • एनआरआई भारत में संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करना होगा।

प्रश्र: एनआरआई भारत में कितने दिन तक रह सकता है?

उत्तर: एनआरआई भारत में 182 दिनों से अधिक नहीं रह सकता है। यदि कोई एनआरआई भारत में 182 दिनों से अधिक रहता है, तो उसे भारत का निवासी माना जाएगा और उसे भारत में कर का भुगतान करने की आवश्कता होगी।

प्रश्र: एनआरआई कहां स्थित हैं?

उत्तर: एनआरआई दुनिया भर में स्थित हैं। सबसे अधिक एनआरआई संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं।

प्रश्र: एनआरआई और ओसीआई में क्या अंतर है?

उत्तर: एनआरआई और ओसीआई दोनों भारत के नागरिक हैं जो भारत के बाहर रहते हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

  • एनआरआई भारत में 182 दिनों से कम रहते हैं, जबकि ओसीआई भारत में 182 दिनों से अधिक रह सकते हैं।
  • एनआरआई भारत में निवेश और संपत्ति खरीदने के लिए कुछ अतिरिक्त शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य हैं, जबकि ओसीआई को इन शर्तों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
  • एनआरआई को भारत में कर का भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है, जबकि ओसीआई को भारत में कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।

प्रश्र: भारत में एनआरआई छात्रों के रूप में किसे माना जाता है?

उत्तर: भारत में एनआरआई छात्रों के रूप में निम्नलिखित लोग आते हैं:

  • भारत के नागरिक जो भारत के बाहर के विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं।
  • भारत के नागरिक जो भारत के भीतर के विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन वे भारत में 182 दिनों से अधिक नहीं रहते हैं।

प्रश्र: मैं 12वीं के बाद एनआरआई कैसे बन सकता हूं?

उत्तर: यदि आप 12वीं के बाद एनआरआई बनना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. भारत सरकार की वेबसाइट पर जाएं और “NRI आवेदन पत्र” लिंक पर क्लिक करें।
  2. आवेदन पत्र खोलें और इसे भरें।
  3. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  4. आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
  5. आवेदन पत्र को सबमिट करें।

आपको अपने आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:

  • पासपोर्ट
  • पैन कार्ड
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक स्टेटमेंट
  • आय प्रमाण पत्र

आपके आवेदन पत्र की समीक्षा भारत सरकार द्वारा की जाएगी। यदि आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो आपको एक स्वीकृति पत्र प्राप्त होगा। स्वीकृति पत्र प्राप्त करने के बाद, आप भारत में एनआरआई के रूप में अपनी सभी गतिविधियों को शुरू कर सकते हैं।

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