Marriage Vs Wedding: विवाह और ब्याह में क्या अंतर है?

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Marriage Vs Wedding

Marriage Vs Wedding: विवाह और ब्याह दोनों शब्दों का उपयोग विवाह की प्रथा को दर्शाने के लिए किया जाता है, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।

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Marriage Vs Wedding:

विवाह और ब्याह (Marriage and Wedding), दो शब्द जो अक्सर एक दूसरे के पर्यायवाची के रूप में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इन दोनों में महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। विवाह (Marriage) एक धार्मिक संस्कार है, जबकि ब्याह (Wedding) एक सामाजिक प्रथा है।

विवाह शब्द की उत्पत्ति, अर्थ, प्रक्रिया और उद्देश्य (Origin, Meaning, Process And Purpose Of Marriage)

  • विवाह शब्द की उत्पत्ति (Origin of  Marriage Word): 

विवाह शब्द संस्कृत के “वि” (अलग) और “वाह” (ले जाना) से मिलकर बना है। इसका अर्थ है “एक साथ ले जाना” या “एक साथ रहना”।

  • विवाह का अर्थ (Meaning of Marriage): 

विवाह का अर्थ है दो व्यक्तियों का पवित्र और कानूनी रूप से स्वीकृत मिलन। यह एक सामाजिक अनुबंध है जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण की प्रतिज्ञा करते हैं।

  • विवाह की प्रक्रिया (Process of Marriage): 

विवाह की प्रक्रिया धार्मिक अनुष्ठानों, सामाजिक रीति-रिवाजों और कानूनी औपचारिकताओं से युक्त हो सकती है।

  • विवाह का उद्देश्य (Purpose Of Marriage): 

विवाह का उद्देश्य एक स्थायी और खुशहाल जीवनसाथी बनाना, परिवार शुरू करना और बच्चों को जन्म देना है।

Difference Between Marriage and Wedding

ब्याह शब्द की उत्पत्ति, अर्थ, प्रक्रिया और उद्देश्य (Origin, Meaning, Process And Purpose Of Wedding)

  • ब्याह शब्द की उत्पत्ति (Origin of Wedding): 

ब्याह शब्द हिंदी का शब्द है। यह संस्कृत के “व्याह” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है “विनिमय” या “परिवर्तन”।

  • ब्याह का अर्थ (Meaning of Wedding): 

ब्याह का अर्थ है दो परिवारों के बीच संबंधों का निर्माण। यह एक सामाजिक कार्यक्रम है जिसमें दोनों परिवार विवाह का जश्न मनाते हैं।

  • ब्याह की प्रक्रिया (Process of Marriage): 

ब्याह की प्रक्रिया आम तौर पर विवाह की तुलना में अधिक अनौपचारिक होती है। इसमें भोजन, संगीत और नृत्य जैसे सामाजिक कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।

  • ब्याह का उद्देश्य (Purpose of Marriage): 

ब्याह का उद्देश्य दो परिवारों को एक साथ लाना और सामाजिक बंधन को मजबूत करना है।

विवाह और ब्याह में अंतर (Marriage Vs Wedding)

  1. धार्मिक बनाम सामाजिक:

  • विवाह:
    • धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों द्वारा निर्देशित, आध्यात्मिक महत्व रखता है।
    • यह एक पवित्र अनुष्ठान है जो दो व्यक्तियों को पति-पत्नी के रूप में जोड़ता है, जो उन्हें जीवन भर एक साथ रहने का वचन देता है।
    • विवाह का उद्देश्य केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है, बल्कि धर्म, समाज और परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का पालन करना भी है।
  • ब्याह:
    • सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित, सांस्कृतिक महत्व रखता है।
    • इसमें परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों का एक साथ आना शामिल होता है, जो नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देते हैं और उनके नए जीवन की शुरुआत का जश्न मनाते हैं।
    • ब्याह सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं का प्रदर्शन है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं।
  1. वचन और प्रतिबद्धता:

  • विवाह:
    • पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति जीवन भर प्रेम, विश्वास, सम्मान और समर्पण का वचन देते हैं।
    • यह वचन धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों द्वारा निर्धारित किए गए नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर आधारित होते हैं।
    • विवाह में, पति-पत्नी जीवन भर एक-दूसरे का साथ देने और सुख-दुख में सहभागी होने का वचन देते हैं।
  • ब्याह:
    • सामाजिक अपेक्षाओं और दायित्वों का पालन करते हुए, नवविवाहित जोड़े को शुभकामनाएं दी जाती हैं।
    • ब्याह में, सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करने और एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सद्भाव बनाए रखने की अपेक्षा होती है।
  1. उद्देश्य और लक्ष्य:

  • विवाह:
    • एक पवित्र बंधन स्थापित करना, धर्म और समाज के प्रति कर्तव्यों का पालन करना, और एक खुशहाल गृहस्थ जीवन बनाना।
    • विवाह का उद्देश्य न केवल दो व्यक्तियों के बीच प्रेम और सहयोग को बढ़ावा देना है, बल्कि आध्यात्मिक विकास और सामाजिक कल्याण में भी योगदान देना है।
  • ब्याह:
    • दो परिवारों को एकजुट करना, सामाजिक संबंधों को मजबूत करना, और नवविवाहित जोड़े को सामाजिक स्वीकृति प्रदान करना।
    • ब्याह का उद्देश्य सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करना और सामाजिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखना है।
  1. कानूनी वैधता:

  • विवाह:
      • भारत में विवाह अधिनियम, 1955 द्वारा शासित, कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है।
      • विवाह का पंजीकरण अनिवार्य है, जो कानूनी अधिकारों और सुरक्षा प्रदान करता है।
      • तलाक के माध्यम से विवाह विघटित किया जा सकता है, जिसके लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।
  • ब्याह:
    • ब्याह एक सामाजिक अनुबंध है जिसे कानून द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। इसका मतलब है कि ब्याह के कोई कानूनी परिणाम नहीं होते हैं, जैसे कि कराधान, संपत्ति का अधिकार, या विरासत।
    • ब्याह सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं द्वारा बाध्यकारी होता है।
    • ब्याह अक्सर धार्मिक संस्कारों के साथ होता है, जो विवाह को पवित्र और आध्यात्मिक महत्व प्रदान करते हैं।

Marriage Vs Wedding

Marriage and Wedding Difference in Hindi 

पहलू

विवाह

ब्याह

कानूनी मान्यता 

हां 

नहीं

पंजीकरण

अनिवार्य

वैकल्पिक

कानूनी परिणाम

हां 

नहीं

सामाजिक बाध्यता

हां 

हां 

धार्मिक महत्व

हो सकता है

हो सकता है

सामाजिक मान्यता

हां 

हां 

 

निष्कर्ष:

विवाह और ब्याह (Difference Between Marriage and Arrange), दोनों ही भारतीय संस्कृति और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विवाह एक पवित्र बंधन है जो धार्मिक और सामाजिक दोनों दायित्वों को पूरा करता है, जबकि ब्याह इस बंधन का सामाजिक उत्सव है।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि विवाह और ब्याह एक दूसरे के पूरक हैं, और दोनों ही एक खुशहाल और सफल वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक हैं।

Marriage Vs Wedding: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न: विवाह और ब्याह में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • विवाह: धार्मिक और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त दो व्यक्तियों का मिलन। यह प्रेम, सम्मान और समर्पण की प्रतिज्ञा पर आधारित है।
  • ब्याह: विवाह का जश्न मनाने का सामाजिक कार्यक्रम। इसमें भोजन, संगीत, नृत्य और अन्य मनोरंजन शामिल होते हैं।

प्रश्न: मैरिज का मतलब क्या होता है?

उत्तर: मैरिज का मतलब विवाह होता है।

प्रश्न: शादी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर: शादी को अंग्रेजी में वेडिंग (Wedding) या मैरिज (Marriage) कहते हैं।

प्रश्न: विवाह का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: विवाह का दूसरा नाम विवाह, शादी और ब्याह भी है।

प्रश्न: विवाह का सही अर्थ क्या है?

उत्तर: विवाह का सही अर्थ है दो व्यक्तियों का पवित्र मिलन, जिसमें वे जीवन भर एक दूसरे के साथ रहने, प्रेम करने, सम्मान करने और समर्पित रहने की प्रतिज्ञा करते हैं।

प्रश्र: विवाह और ब्याह में कौन सा ज़्यादा महत्वपूर्ण है?

उत्तर: दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। विवाह कानूनी और धार्मिक रूप से मान्यता प्राप्त मिलन है, जबकि ब्याह सामाजिक कार्यक्रम है जिसमें विवाह का जश्न मनाया जाता है। दोनों का उद्देश्य एक स्थायी और खुशहाल जीवनसाथी बनाना, परिवार को मजबूत करना और सामाजिक बंधन को बढ़ावा देना है।

प्रश्र: विवाह और ब्याह में क्या समानताएं हैं?

उत्तर: दोनों ही विवाह से जुड़े हैं और इनका उद्देश्य खुशहाल जीवनसाथी बनाना और परिवार को मजबूत करना है।

प्रश्र: क्या विवाह के बिना ब्याह हो सकता है?

उत्तर: कुछ समाजों में, विवाह और ब्याह एक ही कार्यक्रम में आयोजित किए जाते हैं। लेकिन कुछ समाजों में, विवाह के बाद ब्याह का आयोजन किया जाता है।

प्रश्र: क्या ब्याह के बिना विवाह हो सकता है?

उत्तर: कानूनी रूप से, विवाह के लिए ब्याह का होना आवश्यक नहीं है। लेकिन सामाजिक रूप से, विवाह के बाद ब्याह का आयोजन करना अधिक स्वीकार्य माना जाता है।

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