Lal Puja Kya Hoti Hai: शादी में लाल पूजा क्या होती है? और क्यों है जरूरी!

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Lal Puja Kya Hoti Hai

Lal Puja Kya Hoti Hai: लाल पूजा, जिसे पीली पूजा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विवाह से पहले की जाने वाली एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। अनुष्ठान तब किया जाता है जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है, या जब ज्योतिषीय गणना के अनुसार विवाह में बाधाएं आने की संभावना होती है।

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Lal Puja Kya Hoti Hai:

विवाह एक पवित्र बंधन है, जिसके लिए कई रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है लाल पूजा, जिसे पीली पूजा (Peeli Puja) भी कहा जाता है।

Lal Puja Kya Hoti Hai

लाल पूजा क्या होती है? (लाल पूजा फॉर मैरिज) What is Lal Puja?

लाल पूजा, जिसे पीली पूजा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विवाह से पहले की जाने वाली एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसका आयोजन तब किया जाता है जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है।

यह पूजा सूर्य देव और गुरु देव को समर्पित होती है, जिनकी कुंडली में शुभ स्थिति विवाह के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। लाल पूजा का उद्देश्य विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करना, वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि लाना और पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाना होता है।

इस लेख में, हम लाल पूजा के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें इसकी विधि, महत्व, लाभ और कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं।

लाल पूजा का महत्व (Significance of Lal Puja)

  • ग्रहों की शांति: लाल पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य और गुरु ग्रहों की अशुभ स्थिति को शांत करना होता है।
  • विवाह में सफलता: यह माना जाता है कि लाल पूजा विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करती है और विवाह को सफल बनाती है।
  • दुर्भाग्य से बचाव: लाल पूजा से विवाह के बाद होने वाले दुर्भाग्य और कष्टों से बचाव होता है।
  • संतान प्राप्ति: लाल पूजा संतान प्राप्ति में भी सहायक मानी जाती है।
  • मानसिक शांति: लाल पूजा से मन को शांति मिलती है और विवाह को लेकर होने वाली चिंताएं दूर होती हैं।

लाल पूजा की विधि (Method of Lal Pooja)

विवाह में सूर्य पूजा विधि इस प्रकार से की जाती है:

  1. लाल वस्त्र: लाल पूजा में सभी चीजें लाल रंग की होती हैं, जैसे कि कपड़े, फूल, मालाएं, मिठाई, और ध्वजा।
  2. वेदी स्थापना: पूजा के लिए एक वेदी स्थापित की जाती है, जिसे लाल कपड़े से सजाया जाता है।
  3. सूर्य और गुरु देव की प्रतिमाएं: वेदी पर सूर्य और गुरु देव की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं।
  4. गौरी गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश और देवी गौरी की पूजा की जाती है।
  5. नवग्रह पूजन: इसके बाद नवग्रहों की पूजा की जाती है।
  6. सूर्य और गुरु पूजन: लाल पूजा का मुख्य भाग सूर्य और गुरु देव की पूजा होता है।
    • मंत्र जाप: पंडित द्वारा सूर्य और गुरु देव से संबंधित मंत्रों का जाप किया जाता है।
    • हवन: लाल पूजा में हवन भी किया जाता है, जिसमें लाल रंग की आहुतियां दी जाती हैं।
  7. भोजन प्रसाद: पूजा के बाद भोजन का प्रसाद वितरित किया जाता है।

लाल पूजा सामग्री (Lal Puja Material)

  • लाल रंग के वस्त्र
  • सूर्य और गुरु देव की प्रतिमाएं
  • दीपक
  • घी
  • कपूर
  • चंदन
  • हल्दी
  • सिंदूर
  • लाल फूल
  • फल
  • मिठाई
  • सुपारी
  • दक्षिणा

लाल पूजा के लाभ (Benefits of Lal Puja)

  • विवाह में सफलता: लाल पूजा विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और विवाह को सफल बनाने में मदद करती है।
  • ग्रहों की शांति: लाल पूजा से विवाह में सूर्य बल और विवाह में गुरु पूजा से गुरु ग्रहों की शांति होती है, जिसका विवाहक के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • दुर्भाग्य से बचाव: यह माना जाता है कि लाल पूजा करने से विवाह के बाद होने वाले दुर्भाग्य और कष्टों से बचा जा सकता है।
  • मानसिक शांति: लाल पूजा से मन को शांति मिलती है और विवाह को लेकर होने वाली चिंताएं दूर होती हैं।

लाल पूजा कब की जाती है? (When is Lal Puja performed?)

  • विवाह मुहूर्त: जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है, तब लाल पूजा की जाती है।
  • मंगल दोष: यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो विवाह से पहले लाल पूजा करवाई जा सकती है। मंगल दोष को विवाह में बाधा माना जाता है।
  • ग्रहों की अशुभ स्थिति: यदि विवाह के समय सूर्य और गुरु ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है, तो ज्योतिषीय सलाह के अनुसार लाल पूजा की जा सकती है।

शादी में लाल दान क्या होता है? (What is Lal Daan in wedding?)

शादी में लाल दान, जिसे पीला दान भी कहा जाता है, लाल पूजा का ही एक हिस्सा होता है। यह अनुष्ठान विवाह से पहले किया जाता है, खासकर तब जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है या ज्योतिषीय गणना के अनुसार विवाह में बाधाएं आने की संभावना होती है।

लाल पूजा से क्या फल मिलता है? (What is the benefit of Lal Puja?)

लाल पूजा, जिसे पीली पूजा भी कहा जाता है, विवाह से पहले की जाने वाली एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। इसका आयोजन तब किया जाता है जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है, या ज्योतिषीय गणना के अनुसार विवाह में बाधाएं आने की संभावना होती है।

लाल पूजा से कई फल मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. ग्रहों की शांति: लाल पूजा का उपयोग अक्सर मंगल ग्रह और सूर्य ग्रह को शांत करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा इन ग्रहों के कारण होने वाले दोषों को दूर करती है और जीवन में सफलता, समृद्धि और खुशी लाती है।
  2. विवाह में सफलता: जिन लोगों को विवाह में बाधा आ रही हो, उनके लिए लाल पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। यह पूजा विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सुयोग्य वर/वधू प्राप्त करने में मदद करती है।
  3. दुर्भाग्य से बचाव: लाल पूजा से विवाह के बाद होने वाले दुर्भाग्य और कष्टों से बचाव होता है।
  4. संतान प्राप्ति: जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में कठिनाई हो रही हो, उनके लिए लाल पूजा लाभकारी हो सकती है। यह पूजा गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने और स्वस्थ संतान प्राप्ति में मदद करती है।
  5. मानसिक शांति: लाल पूजा से मन को शांति मिलती है और विवाह को लेकर होने वाली चिंताएं दूर होती हैं।
  6. वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि: लाल पूजा से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
  7. प्रेम और सामंजस्य: लाल पूजा से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  8. गृहस्थ जीवन में सुख: लाल पूजा से गृहस्थ जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है।
  9. नौकरी और व्यवसाय में सफलता: लाल पूजा का उपयोग नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा व्यक्ति की कार्यक्षमता और बुद्धि को बढ़ाती है, जिससे उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
  10. धन प्राप्ति: लाल पूजा को धन प्राप्ति के लिए भी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करती है, जिससे धन-दौलत में वृद्धि होती है।

इसका नाम लाल पूजा ही क्यों? (Why is it called Lal Pooja?)

लाल पूजा का नाम लाल रंग के महत्व के कारण रखा गया है।

  • सूर्य देव: सूर्य देव को ऊर्जा, शक्ति और सफलता का प्रतीक माना जाता है। लाल रंग सूर्य देव का प्रिय रंग है।
  • गुरु ग्रह: गुरु ग्रह को ज्ञान, विद्या और शिक्षा का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग गुरु ग्रह का प्रिय रंग है।
  • शुभता: लाल और पीले रंग को शुभ रंग माना जाता है।

इस प्रकार, लाल पूजा में लाल और पीले रंग का प्रयोग किया जाता है, जो सूर्य देव और गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करने और विवाह में सफलता प्राप्त करने का प्रतीक है।

निष्कर्ष:

लाल पूजा (Lal Puja Kya Hoti Hai) विवाह से पहले की जाने वाली एक प्रचलित परंपरा है। इसे विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए किया जाता है। हालाँकि, ज्योतिषीय सलाह लेकर ही इस पूजा का आयोजन करना उचित होता है।

Lal Puja Kya Hoti Hai: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्र: लाल पूजा का मतलब क्या होता है?

उत्तर: लाल पूजा, जिसे पीली पूजा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विवाह से पहले किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसका आयोजन तब किया जाता है जब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होता है, या ज्योतिषीय गणना के अनुसार विवाह में बाधाएं आने की संभावना होती है।

लाल पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और गुरु ग्रह की अशुभ स्थिति को शांत करना होता है, जिन्हें विवाह और वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण माना जाता है।

प्रश्न: लाल पूजा कैसे करते हैं?

उत्तर: लाल पूजा एक विस्तृत अनुष्ठान है जिसमें कई चरण होते हैं।

  1. पंडित का चयन: सबसे पहले, एक अनुभवी और विद्वान पंडित का चयन करना होता है।
  2. शुभ मुहूर्त: पंडित द्वारा विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है।
  3. पूजा सामग्री: लाल रंग की वस्त्र, ध्वजा, फूल, मालाएं, मिठाई, दीपक, घी, कपूर, चंदन, हल्दी, सिंदूर, फल, सुपारी, दक्षिणा, सूर्य और गुरु देव की प्रतिमाएं आदि।
  4. पूजा विधान: पंडित द्वारा सूर्य और गुरु देव से संबंधित मंत्रों का जाप किया जाता है, हवन किया जाता है, और भोजन का प्रसाद वितरित किया जाता है।

प्रश्र: शादी में लाल दान क्या होता है?

उत्तर: लाल दान, जिसे पीला दान भी कहा जाता है, लाल पूजा का ही एक हिस्सा होता है। इसमें लाल रंग की वस्त्र, पीले फल, पीली मिठाई, और दक्षिणा का दान किया जाता है।

प्रश्न: विवाह में सूर्य पूजा क्या है?

उत्तर: सूर्य पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो कई अवसरों पर किया जाता है, विवाह सहित। यह पूजा सूर्य देव को समर्पित होती है और इसका उद्देश्य उनसे आशीर्वाद और शुभ फल प्राप्त करना होता है।

प्रश्र: जल्दी विवाह के लिए कौन सी पूजा अच्छी है?

उत्तर: जल्दी विवाह के लिए कई पूजाएं बताई गई हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • लाल पूजा
  • पीली वस्त्रों का दान
  • गौरी पूजन
  • लक्ष्मी पूजन
  • शिव-पार्वती पूजन

प्रश्र: शादी करने के लिए कौन सी पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: विवाह के लिए लाल पूजा सबसे महत्वपूर्ण पूजाओं में से एक है। इसके अलावा, विवाह मुहूर्त के समय गौरी पूजन, लक्ष्मी पूजन, और शिव-पार्वती पूजन भी किया जाता है।

प्रश्र: लाल दान क्या है?

उत्तर: लाल दान लाल पूजा का ही एक हिस्सा होता है। इसमें लाल रंग की वस्त्र, पीले फल, पीली मिठाई, और दक्षिणा का दान किया जाता है।

सास बहू फनी जोक्स, चुटकुले, शायरी

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Priyanka Sachan
प्रियांका सचान एक अनुभवी हिंदी कंटेंट राइटर हैं, जिनके लिए लेखन सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जुनून है। वे वेडिंग प्लानिंग, फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारियों को रोचक और व्यावहारिक अंदाज में प्रस्तुत करने में माहिर हैं। उनके लेख न केवल जानकारीपूर्ण होते हैं, बल्कि शादियों की हर छोटी-बड़ी तैयारी को आसान बनाने के लिए उपयोगी टिप्स और इनसाइट्स से भरपूर होते हैं। उच्च गुणवत्ता वाला, SEO फ्रेंडली कंटेंट तैयार करने में उनकी विशेष दक्षता है। ब्लॉग, रिव्यू, न्यूज और सोशल मीडिया कंटेंट लिखने में उन्हें गहरी समझ और महारत हासिल है। उनकी लेखन शैली पाठकों को जोड़ने और जानकारी को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की कला को बखूबी दर्शाती है

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