Know About Ring Ceremony in Hindi: शादी से पहले पहनी जाने वाली अंगूठी को एंगेजमेंट रिंग कहा जाता है। यह अंगूठी प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस लेख में, हम रिंग सेरेमनी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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Know About Ring Ceremony in Hindi:
शादी से पहले अंगूठी पहनाने की रस्म को सगाई की रस्म कहा जाता है। सगाई की रस्म में दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। यह रस्म शादी के लिए एक तरह का वादा है। यह वादा होता है कि दोनों एक-दूसरे को जीवन भर प्यार करेंगे और साथ रहेंगे।
सगाई की अंगूठी (Engagement Ring) को बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अनामिका उंगली की नस सीधे दिल से जुड़ी होती है। इसलिए इस उंगली में अंगूठी पहनकर दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार और प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं।
रिंग सेरेमनी क्या है? (What is Ring Ceremony?)
रिंग सेरेमनी (Ring Ceremony), जिसे सगाई भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच उनकी शादी की घोषणा का एक औपचारिक समारोह है. रिंग सेरेमनी में, वर और वधू एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं, जो उनके प्यार और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
रिंग सेरेमनी अक्सर शादी से कुछ महीने पहले होती है. यह एक खुशी का अवसर होता है जो परिवार और दोस्तों को एक साथ लाता है।
Ring Ceremony in Hindi:
सगाई की रस्म के विभिन्न नाम (Different Names of Engagement Ceremony):
भारत में, सगाई की रस्म को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जो क्षेत्र और समुदाय के आधार पर भिन्न होते हैं. कुछ आम नामों में शामिल हैं:
- सगाई
- प्रेम-सगाई
- रिंग सेरेमनी
- एंगेजमेंट
- अंगूठी समारोह
- तिलक समारोह
- मंगनी
क्यों शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन पहनाते हैं एक-दूसरे को अंगूठी? (Why Do Bride And Groom Put Rings On Each other Before Marriage?)
शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनने के कई कारण हैं:
प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक:
अंगूठी को प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है। जब दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं, तो वे एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं और प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं।
शादी की घोषणा:
अंगूठी पहनना शादी की घोषणा का एक तरीका है। यह दुनिया को बताता है कि दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे से शादी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सामाजिक मान्यता:
अंगूठी पहनना अक्सर सामाजिक मान्यता का एक संकेत है। यह दिखाता है कि दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे के साथ गंभीर रिश्ते में हैं।
अलग-अलग संस्कृतियों में अंगूठी पहनने के लिए अलग-अलग मान्यताएं हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, हिंदू संस्कृति में, अंगूठी को अमरत्व का प्रतीक माना जाता है।
आधुनिक युग में, रिंग सेरेमनी को कई तरह से अनुकूलित किया जा सकता है। कुछ जोड़े पारंपरिक रस्मों के साथ-साथ आधुनिक तत्वों को भी शामिल करना चुनते हैं, जैसे कि संगीत, नृत्य या अन्य मनोरंजन।
हालांकि, अंगूठी पहनने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह दूल्हा-दुल्हन के प्यार और प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है।
रिंग सेरेमनी का सामान (Ring Ceremony Items)
रिंग सेरेमनी का सामान आमतौर पर निम्नलिखित से बना होता है:
रिंग ट्रे:
यह एक विशेष ट्रे है जिस पर अंगूठियां रखी जाती हैं। यह आमतौर पर लकड़ी, धातु या मिट्टी से बना होता है और फूलों, मोतियों या अन्य सजावटों से सजाया जाता है।
रिंग होल्डर:
यह एक विशेष उपकरण है जिसका उपयोग अंगूठियों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर धातु या प्लास्टिक से बना होता है और अंगूठियों के आकार में होता है।
सगाई की अंगूठियां:
ये रिंग सेरेमनी के सबसे महत्वपूर्ण सामान हैं। वे आमतौर पर सोने, चांदी या हीरे से बने होते हैं।
पूजा सामग्री:
रिंग सेरेमनी अक्सर एक धार्मिक अनुष्ठान के साथ होती है। पूजा सामग्री में फूल, धूप, दीप, फल और मिठाई शामिल हो सकते हैं।
अन्य सामान:
अन्य सामान जो रिंग सेरेमनी के लिए उपयोग किए जा सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- एक लाल साड़ी या चुनरी, जिसे दुल्हन पहनती है।
- एक लाल चुनरी, जिसे दूल्हा पहनता है।
- एक मिठाई का डिब्बा, जिसे मेहमानों को दिया जाता है।
- एक शगुन का पैकेट, जिसे दूल्हे के माता-पिता दुल्हन के माता-पिता को देते हैं।
रिंग सेरेमनी कैसे होती है? (How is The Ring Ceremony?)
रिंग सेरेमनी की प्रक्रिया आमतौर पर निम्नलिखित चरणों से होती है:
आतिथ्य
रिंग सेरेमनी की मेजबानी आमतौर पर वर या वधू के परिवार करता है। मेजबान रिंग सेरेमनी की तारीख, समय और स्थान निर्धारित करता है।
रिंग सेरेमनी की तारीख और समय (Ring Ceremony Date and Time) निर्धारित करते समय, अपने बजट और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यदि आप एक छोटे से समारोह की योजना बना रहे हैं, तो आप इसे सप्ताहांत के दिन या शाम को आयोजित कर सकते हैं। यदि आप एक बड़े समारोह की योजना बना रहे हैं, तो आप इसे किसी सार्वजनिक स्थान पर आयोजित कर सकते हैं।
रिंग सेरेमनी का स्थान (Ring Ceremony Place) चुनते समय, एक ऐसे स्थान का चयन करना महत्वपूर्ण है जो सुंदर और आरामदायक हो। आप अपने घर, एक रेस्तरां, एक पार्क या किसी अन्य स्थान पर रिंग सेरेमनी आयोजित कर सकते हैं।
अतिथि सूची
मेजबान रिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए अतिथि सूची तैयार करता है। अतिथि सूची तैयार करते समय, अपने परिवार और दोस्तों को शामिल करना महत्वपूर्ण है। आप अपने सहकर्मियों, पड़ोसियों या अन्य लोगों को भी आमंत्रित करना चुन सकते हैं।
अतिथि सूची तैयार करते समय, अपने बजट और स्थान को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास सीमित बजट है, तो आप एक छोटे से समारोह की योजना बना सकते हैं और केवल करीबी परिवार और दोस्तों को आमंत्रित कर सकते हैं।
सजावट
रिंग सेरेमनी की जगह को सजाने (Ring Ceremony Decoration) के लिए फूल, दीप और अन्य सजावटी सामान का उपयोग किया जा सकता है। आप अपने व्यक्तिगत शैली को प्रतिबिंबित करने वाली सजावट चुन सकते हैं।
भोजन और पेय पदार्थ
रिंग सेरेमनी में भोजन और पेय पदार्थों की व्यवस्था करना एक अच्छा विचार है। आप अपने बजट और मेहमानों की संख्या के आधार पर भोजन और पेय पदार्थों का चयन कर सकते हैं।
संगीत और नृत्य
कुछ जोड़े रिंग सेरेमनी में संगीत और नृत्य का समावेश करना चुनते हैं। यदि आप संगीत और नृत्य शामिल करना चाहते हैं, तो एक DJ या संगीतकार को बुक करना सुनिश्चित करें।
अंगूठियों का चयन
वर और वधू अपनी अंगूठियां स्वयं चुन सकते हैं या अपने परिवार और दोस्तों की मदद ले सकते हैं। अंगूठियां आमतौर पर सोने, चांदी या अन्य मूल्यवान धातुओं से बनी होती हैं। अंगूठियां अक्सर हीरे या अन्य कीमती पत्थरों से सजी होती हैं।
रिंग सेरेमनी का संचालन
रिंग सेरेमनी का संचालन एक पुजारी, मंत्री या अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। रिंग सेरेमनी के संचालक रिंग सेरेमनी की रस्मों को निर्देशित करेंगे और समारोह को आगे बढ़ाएंगे।
सगाई की रस्में (Sagaai Rasme)
रिंग सेरेमनी के दौरान आमतौर पर निम्नलिखित रस्में होती हैं:
तिलक रस्म:
कुछ संस्कृतियों में, रिंग सेरेमनी में तिलक रस्म शामिल होती है। तिलक एक शुभ रस्म है जिसमें वर या वधू के माथे पर तिलक लगाया जाता है। तिलक आमतौर पर कुमकुम, हल्दी या सिंदूर से बनाया जाता है।
वरदान रस्म:
कुछ संस्कृतियों में, रिंग सेरेमनी में वरदान रस्म शामिल होती है। वरदान रस्म में, परिवार एक-दूसरे को आशीर्वाद देता है। वर के परिवार के सदस्य वधू को आशीर्वाद देते हैं और वधू के परिवार के सदस्य वर को आशीर्वाद देते हैं।
अंगूठी का आदान-प्रदान:
रिंग सेरेमनी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा अंगूठी का आदान-प्रदान है। वर और वधू एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। अंगूठी को प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है।
मुंह मीठा:
रिंग सेरेमनी के अंत में, मिठाई बांटकर खुशियां मनाई जाती हैं। आमतौर पर मिठाई में हलवा, लड्डू, और मिठाई के अन्य व्यंजन शामिल होते हैं।
रिंग सेरेमनी की योजना में शामिल करने योग्य अतिरिक्त विचार:
रिंग सेरेमनी की योजना बनाते समय, निम्नलिखित अतिरिक्त विचारों पर विचार करना चाहिए:
रिंग सेरेमनी की थीम:
आप अपनी रिंग सेरेमनी के लिए एक थीम चुन सकते हैं। थीम आपको सजावट, भोजन और संगीत को चुनने में मदद कर सकती है।
रिंग सेरेमनी की स्क्रिप्ट:
आप अपनी रिंग सेरेमनी के लिए एक स्क्रिप्ट लिख सकते हैं। स्क्रिप्ट आपको रस्मों और भाषण को व्यवस्थित करने में मदद कर सकती है।
रिंग सेरेमनी की तस्वीरें और वीडियो:
रिंग सेरेमनी की यादें कैद करने के लिए फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की व्यवस्था करना एक अच्छा विचार है।
अपने बजट को निर्धारित करें:
रिंग सेरेमनी की योजना बनाते समय, अपने बजट को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको अपनी योजनाओं को सीमित करने में मदद मिलेगी।
अपने समय सीमा को निर्धारित करें:
रिंग सेरेमनी की योजना बनाते समय, अपने समय सीमा को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको अपने कार्यों को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।
अपने परिवार और दोस्तों की मदद लें:
रिंग सेरेमनी की योजना बनाते समय, अपने परिवार और दोस्तों की मदद लें। इससे आपको काम को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
रिलैक्स करें और मजे करें:
रिंग सेरेमनी एक खुशी का अवसर है। रिलैक्स करें और मजे करें।
रिंग सेरेमनी पूजा कार्यक्रम (Ring Ceremony Puja Program)
रिंग सेरेमनी पूजा कार्यक्रम एक हिंदू समारोह है जो वर और वधू की सगाई के दौरान किया जाता है। इस समारोह में भगवान गणेश की पूजा करके वर और वधू के वैवाहिक जीवन की मंगलकामना की जाती है।
रिंग सेरेमनी पूजा सामग्री (Ring Ceremony Puja Items)
गणेश जी की प्रतिमा या चित्र
गणेश जी की प्रतिमा या चित्र पूजा का मुख्य केंद्र होता है। गणेश जी को हिंदू धर्म में बुद्धि, ज्ञान, और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। इसलिए, रिंग सेरेमनी पूजा कार्यक्रम में गणेश जी की पूजा करके वर और वधू के वैवाहिक जीवन की मंगलकामना की जाती है।
अक्षत (चावल)
अक्षत शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में अक्षत का इस्तेमाल करके वर और वधू को शुभकामनाएं दी जाती हैं।
फूल
फूल प्रेम और सुंदरता का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में फूलों का इस्तेमाल करके वर और वधू के प्रेम को बढ़ावा दिया जाता है।
धूप
धूप पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में धूप का इस्तेमाल करके पूजा स्थल को पवित्र बनाया जाता है।
दीप
दीप प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में दीप का इस्तेमाल करके वर और वधू को ज्ञान और प्रकाश की प्राप्ति की कामना की जाती है।
चंदन
चंदन पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में चंदन का इस्तेमाल करके वर और वधू को शुद्धता और पवित्रता की प्राप्ति की कामना की जाती है।
हल्दी
हल्दी सौभाग्य और मंगल का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में हल्दी का इस्तेमाल करके वर और वधू को सौभाग्य और मंगल की प्राप्ति की कामना की जाती है।
सिंदूर
सिंदूर सौभाग्य और विवाह का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में सिंदूर का इस्तेमाल करके वर और वधू को सौभाग्य और विवाहित जीवन की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
नारियल
नारियल समृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में नारियल का इस्तेमाल करके वर और वधू को समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति की कामना की जाती है।
मिठाई
मिठाई खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए, पूजा में मिठाई का इस्तेमाल करके वर और वधू को एक खुशहाल और समृद्ध जीवन की कामना की जाती है।
रिंग सेरेमनी पूजा विधि (Ring Ceremony Puja Vidhi)
रिंग सेरेमनी पूजा विधि निम्नलिखित चरणों में होती है:
पूजा स्थल की तैयारी
सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करके गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित किया जाता है। पूजा स्थल को फूलों और माला से सजाया जाता है।
गणेश जी की पूजा
गणेश जी की पूजा में अक्षत, फूल, धूप, दीप, चंदन, हल्दी और सिंदूर से गणेश जी का पूजन किया जाता है। गणेश जी के सामने हाथ जोड़कर वर और वधू के वैवाहिक जीवन की मंगलकामना की जाती है।
वर और वधू को अक्षत, फूल, चंदन और हल्दी लगाना
वर और वधू को अक्षत, फूल, चंदन और हल्दी लगाकर उन्हें शुभकामनाएं दी जाती हैं। अक्षत शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। फूल प्रेम और सुंदरता का प्रतीक है। चंदन पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। हल्दी सौभाग्य और मंगल का प्रतीक है।
वर और वधू को एक-दूसरे को अंगूठी पहनाना
अंगूठी एक प्रतीक है जो वर और वधू के बीच के बंधन को दर्शाता है। अंगूठी पहनाकर वर और वधू एक-दूसरे को अपना वचन देते हैं कि वे हमेशा एक-दूसरे के साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।
वर और वधू को मिठाई खिलाना
मिठाई खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। वर और वधू को मिठाई खिलाकर उन्हें एक खुशहाल और समृद्ध जीवन की कामना की जाती है।
पूजा के दौरान पढ़े जाने वाले मंत्र (Puja Mantra)
गणेश जी के लिए मंत्र
> ॐ नमस्ते गणपतये,
> सिद्धिबुद्धिप्रदायकाय,
> नमो नमस्ते।
वर और वधू के लिए मंत्र
> विवाहे मंगलम भवतु,
> वरवधू सुखम भवतु,
> कुटुम्बे मंगलम भवतु,
> सर्वत्र मंगलम भवतु।
इंगेजमेंट पूजा का प्रमुख कारक (Major Factor of Engagement Puja)
सगाई पूजा का प्रमुख कारक है वर और वधू के परिवारों का मिलना और एक-दूसरे को जानना। यह एक ऐसा अवसर है जब दोनों परिवार एक-दूसरे के संस्कृति और परंपराओं को जान सकते हैं। सगाई पूजा में, वर और वधू के परिवार एक-दूसरे को उपहार देते हैं और एक-दूसरे के लिए शुभकामनाएं देते हैं। सगाई पूजा के बाद, दोनों परिवार शादी की तैयारियों में लग जाते हैं।
सगाई पूजा के अन्य प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
- वर और वधू के बीच रिश्ते की पुष्टि करना
- शादी की तिथि और स्थान तय करना
- शादी के लिए खर्च का आकलन करना
- शादी की तैयारियों की शुरुआत करना
रिंग सेरेमनी का महत्व (Importance of Ring Ceremony)
रिंग सेरेमनी के कुछ विशिष्ट महत्व निम्नलिखित हैं:
प्रतिबद्धता का प्रतीक:
रिंग सेरेमनी दूल्हा और दुल्हन के बीच उनके जीवनसाथी बनने के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह एक सार्वजनिक घोषणा है कि वे एक-दूसरे के साथ अपने जीवन को साझा करने के लिए तैयार हैं।
परिवार एकीकरण:
रिंग सेरेमनी दो परिवारों को एक साथ लाता है और उनके बीच संबंधों को मजबूत करता है। यह एक अवसर है जब दोनों परिवार एक-दूसरे को जानने और समझने का प्रयास करते हैं।
प्यार और प्रतिबद्धता का जश्न:
रिंग सेरेमनी दूल्हा और दुल्हन को अपने प्यार और प्रतिबद्धता का जश्न मनाने का मौका देता है। यह एक खुशी और उत्सव का अवसर है।
सामाजिक मान्यता:
रिंग सेरेमनी दूल्हा और दुल्हन के रिश्ते को सामाजिक रूप से मान्यता देती है। यह एक संकेत है कि दोनों परिवारों ने अपने बच्चों के रिश्ते को स्वीकार कर लिया है।
आर्थिक सुरक्षा:
रिंग सेरेमनी दूल्हे और दुल्हन के बीच आर्थिक सुरक्षा को भी दर्शाती है। यह एक संकेत है कि दूल्हा दुल्हन को आर्थिक रूप से समर्थन करने में सक्षम है।
सांस्कृतिक परंपरा:
रिंग सेरेमनी कई संस्कृतियों में एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है। यह एक अवसर है जब परिवार और मित्र एक साथ आते हैं और इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाते हैं।
सगाई समारोह में अंगूठियों के आदान-प्रदान क्यों किया जाता है? (Why Are Rings Exchanged at Engagement Ceremonies?)
सगाई समारोह में अंगूठियों का आदान-प्रदान कई कारणों से किया जाता है। सबसे पहले, यह एक प्रतीकात्मक कार्य है जो युगल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंगूठियां युगल के प्यार और वफादारी का प्रतीक हैं और एक दूसरे के लिए उनके प्यार की निरंतर याद दिलाती हैं।
दूसरा, अंगूठियों का आदान-प्रदान एक औपचारिक घोषणा है कि दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक सार्वजनिक संकेत है कि वे एक-दूसरे के साथ अपने जीवन को साझा करने के लिए तैयार हैं।
तीसरा, अंगूठियों का आदान-प्रदान दो परिवारों को एक साथ लाता है और उनके बीच संबंधों को मजबूत करता है। यह एक अवसर है जब दोनों परिवार एक-दूसरे को जानने और समझने का प्रयास करते हैं।
आंगूठियों का आदान-प्रदान कई संस्कृतियों में एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है। यह एक महत्वपूर्ण और यादगार अवसर है जो दूल्हा और दुल्हन, उनके परिवारों और समाज के लिए कई तरह से महत्वपूर्ण है।
इंगेजमेंट पूजा के फ़ायदे (Benefits Of Engagement Puja)
इंगेजमेंट पूजा के कुछ विशिष्ट लाभ इस प्रकार हैं:
मानसिक और भावनात्मक लाभ:
इंगेजमेंट पूजा जोड़े को अपने रिश्ते के प्रति प्रतिबद्धता की घोषणा करने का अवसर प्रदान करती है। यह उन्हें एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को मजबूत करने और अपने भविष्य के बारे में आशावादी होने में मदद करती है।
सामाजिक लाभ:
इंगेजमेंट पूजा जोड़े को एक-दूसरे के परिवार और दोस्तों के साथ एकजुट होने का अवसर प्रदान करती है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक आयोजन है जो जोड़े को एक-दूसरे के समुदाय में शामिल होने में मदद करता है।
आध्यात्मिक लाभ:
इंगेजमेंट पूजा जोड़े को आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह उन्हें एक साथ एक मजबूत और सफल जीवन बनाने के लिए प्रेरित और तैयार करता है।
सगाई में पहले अंगूठी कौन पहनाता है? (Who Wears The Ring First At Engagement?)
सगाई में आमतौर पर लड़का लड़की को अंगूठी पहनाता है। यह परंपरा रोम से चली आ रही है। रोमियों का मानना था कि बाएं हाथ की अनामिका उंगली में एक नस होती है जो सीधे दिल से जुड़ी होती है। इसलिए, लड़का अपनी प्रेमिका को अंगूठी पहनाकर अपने दिल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रतीक देता है।
हालांकि, कुछ संस्कृतियों में, लड़की लड़के को अंगूठी पहनाती है। उदाहरण के लिए, जापान में, लड़की लड़के को अंगूठी पहनाती है क्योंकि वह शादी में अधिक सक्रिय भूमिका निभाती है।
आखिरकार, सगाई में पहले अंगूठी कौन पहनाएगा, यह कपल पर निर्भर करता है। वे अपनी पसंद के अनुसार परंपरा को तोड़ सकते हैं या बदल सकते हैं।
उल्टे हाथ में क्यों पहनाई जाती है सगाई की अंगूठी? (Why is the Engagement Ring Worn On The Opposite Hand?)
सगाई की अंगूठी उल्टे हाथ में पहनाई जाती है, क्योंकि यह दिल के सबसे करीब होती है। ऐसा माना जाता है कि बाएं हाथ की अनामिका उंगली में एक नस होती है जो सीधे दिल से जुड़ी होती है। इसलिए, सगाई की अंगूठी पहनकर, व्यक्ति अपने दिल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रतीक देता है।
इस परंपरा का उल्लेख पहली बार रोमन सभ्यता में मिलता है। रोमियों का मानना था कि अनामिका उंगली में एक नस होती है जिसे “वेना अमोरिस” या “प्रेम की नस” कहा जाता है। वे मानते थे कि यह नस सीधे दिल से जुड़ी होती है, इसलिए यह प्रेम और विवाह का प्रतीक है।
यह परंपरा मध्य युग में यूरोप में फैल गई और आज भी कई संस्कृतियों में प्रचलित है। हालांकि, कुछ संस्कृतियों में, सगाई की अंगूठी सीधे हाथ में पहनी जाती है।
निष्कर्ष:
रिंग सेरेमनी एक महत्वपूर्ण अवसर है जो दो लोगों के जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। रिंग सेरेमनी को यादगार बनाने के लिए उचित योजना और तैयारी करना महत्वपूर्ण है।
रिंग सेरेमनी के बाद, दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनने की शपथ लेते हैं। यह शपथ एक-दूसरे के प्रति प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। रिंग सेरेमनी के बाद, दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
Know About Ring Ceremony in Hindi: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: रोका और सगाई में क्या अंतर है?
उत्तर: रोका और सगाई दो अलग-अलग रस्में हैं। रोका एक अनौपचारिक रस्म है जिसमें लड़के के परिवार वाले लड़की के घर जाते हैं और लड़की के माता-पिता से लड़की के हाथ मांगते हैं। रोका के बाद, लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। सगाई एक औपचारिक रस्म है जिसमें लड़के और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपनी प्रेम और प्रतिबद्धता की शपथ लेते हैं।
प्रश्र: सगाई में अंगूठी क्यों पहनते है?
उत्तर: सगाई की अंगूठी प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अंगूठी एक-दूसरे के प्रति अपने रिश्ते की प्रतिज्ञा का प्रतिनिधित्व करती है। सगाई की अंगूठी आमतौर पर सोने या चांदी से बनी होती है और इसमें अक्सर हीरे या अन्य कीमती पत्थर होते हैं।
प्रश्र: सगाई के पहले अंगूठी कौन पहनाता है?
उत्तर: सामान्य तौर पर, सगाई के पहले लड़के के परिवार वाले लड़की के घर जाते हैं और लड़की के माता-पिता से लड़की के हाथ मांगते हैं। अगर लड़की के माता-पिता लड़के को स्वीकार करते हैं, तो लड़के का परिवार लड़की को सगाई की अंगूठी देता है।
प्रश्र: सगाई में क्या क्या होता है?
उत्तर: सगाई एक छोटा सा समारोह होता है जिसमें आमतौर पर परिवार और दोस्त शामिल होते हैं। सगाई के दौरान, लड़का और लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपनी प्रेम और प्रतिबद्धता की शपथ लेते हैं। सगाई के बाद, दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को अंगूठी पहनने की शपथ लेते हैं। यह शपथ एक-दूसरे के प्रति प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
प्रश्र: सगाई की अंगूठी कौन सी उंगली में पहनी जाती है?
उत्तर: सगाई की अंगूठी आमतौर पर बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनी जाती है। इस उंगली को “प्रेम की उंगली” भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस उंगली में एक नस होती है जो सीधे दिल से जुड़ी होती है।
प्रश्र: अंगूठी किसका प्रतीक है?
उत्तर: सगाई की अंगूठी प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अंगूठी एक-दूसरे के प्रति अपने रिश्ते की प्रतिज्ञा का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रश्र: क्या सिर्फ लड़की को ही सगाई की अंगूठी मिलती है?
उत्तर: नहीं, सिर्फ लड़की को ही सगाई की अंगूठी नहीं मिलती है। कुछ संस्कृतियों में, लड़के को भी सगाई की अंगूठी पहनने की परंपरा है।
प्रश्र: सगाई की अंगूठी किसे चुननी चाहिए?
उत्तर: सगाई की अंगूठी चुनते समय, निम्नलिखित बातों पर विचार करना चाहिए:
- अंगूठी की सामग्री: सगाई की अंगूठी आमतौर पर सोने या चांदी से बनी होती है। आप अपनी पसंद के अनुसार किसी अन्य सामग्री की अंगूठी भी चुन सकते हैं।
- अंगूठी का आकार: सगाई की अंगूठी का आकार आपकी उंगली के आकार के अनुरूप होना चाहिए।
- अंगूठी की कीमत: सगाई की अंगूठी की कीमत आपकी बजट के अनुसार होनी चाहिए।
प्रश्र: सगाई की अंगूठी क्या दर्शाती है?
उत्तर: सगाई की अंगूठी प्रेम और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अंगूठी एक-दूसरे के प्रति अपने रिश्ते की प्रतिज्ञा का प्रतिनिधित्व करती है। सगाई की अंगूठी पहनना यह दर्शाता है कि आप एक-दूसरे के प्रति गंभीर हैं और आप एक-दूसरे से शादी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नए साल पर भूलकर भी न करें ये काम