Kajal Rasam in Marriage: बुआ / भाभी दूल्हे की आंख में काजल क्यों लगाती है?

0
16
Kajal Rasam in Marriage

Kajal Rasam in Marriage: शादी में बुआ द्वारा दूल्हे की आंख में काजल लगाने की रस्म का क्या महत्व है? जानिए इस परंपरा के पीछे छिपा भावनात्मक जुड़ाव, नजर दोष से सुरक्षा और शुभता का प्रतीक।

मई 2025 में शादी के शुभ मुहूर्त कौन से है?

Kajal Rasam in Marriage.

Kajal Rasam in Marriage:

भारतीय विवाह सिर्फ एक सामाजिक बंधन नहीं होता, बल्कि यह भावनाओं, रिश्तों और परंपराओं का खूबसूरत संगम होता है। हर छोटी-बड़ी रस्म का अपना महत्व होता है – चाहे वो हल्दी हो, मेहंदी हो या फिर एक छोटी-सी लेकिन बेहद प्रेम से भरी रस्म – काजल रस्म।

शादी के दिन जब दूल्हा सज-धजकर बारात लेकर निकलने की तैयारी करता है, तो एक खास दृश्य देखने को मिलता है – बुआ या भाभी, दूल्हे की आंखों में काजल लगाती हैं। यह नजारा जितना सुंदर होता है, उतना ही गहरा भाव भी लिए होता है। तो चलिए जानते हैं कि बुआ दूल्हे के काजल क्यों लगाती हैं या भाभी दूल्हे के काजल क्यों लगाती हैं, (Groom Kajal Rasam) और इसका धार्मिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है।

बारात जाने से पहले बुआ दूल्हे को काजल क्यों लगती है? (Bua/ Bhabhi Kajal Rasam of Groom)

1. नजर दोष से रक्षा (Protection from Evil Eye)

भारत में यह मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति बेहद सुंदर, खुशहाल या केंद्र में हो, तो उस पर बुरी नजर लग सकती है। शादी के दिन दूल्हा बेहद आकर्षक और लोगों का ध्यान खींचने वाला होता है। ऐसे में बुआ का आंख में काजल लगाना एक तरह की रक्षा कवच माना जाता है, ताकि बुरी नजर का कोई असर न हो।

  • काजल आंखों में लगाकर नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है।
  • यह काजल सौंदर्य बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए होता है।
  • यह प्राचीन भारतीय मान्यताओं का हिस्सा है, जिसे आज भी कई परिवार पूरी श्रद्धा से निभाते हैं।

2. बुआ और भतीजे का पवित्र रिश्ता (Sacred Bond of Bua and Bhatija)

शादी में बुआ (Shaadi me bua) का एक खास स्थान होता है। वे न केवल दूल्हे की पिता की बहन होती हैं, बल्कि एक तरह से मां के समान स्नेह देने वाली होती हैं। दूल्हे के काजल लगाना (Dulhe ke Kajal Lagana) इस बात का प्रतीक है कि:

  • बुआ अपने भतीजे को आशीर्वाद दे रही हैं।
  • यह रस्म उनके भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है।
  • यह एक स्नेहिल स्पर्श होता है जो दूल्हे को मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।
  • आज भी कई दूल्हे भावुक हो जाते हैं जब उनकी बुआ यह रस्म निभाती हैं।

3. पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व (Traditional Significance)

भारत विविध परंपराओं का देश है। हर क्षेत्र, हर जाति और समुदाय में यह रस्म अलग-अलग तरीकों से निभाई जाती है, लेकिन मकसद एक ही होता है – दूल्हे की शुभता और सुरक्षा।

  • उत्तर भारत और मध्य उत्तर भारत में यह रस्म बहुत आम है, खासकर उत्तर प्रदेश, राजस्थानी और मारवाड़ी परिवारों में।
  • कुछ जगहों पर बरात निकलने से पहले बुआ सिर्फ आंख में काजल नहीं, बल्कि काजल का टीका भी माथे पर लगाती हैं।
  • कही कहीं पर यह रस्म भाभियां करती हैं और भाभी दूल्हे के आंख में काजल लगती है।
  • यह रस्म पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसे परिवार की धरोहर माना जाता है।

4. शुभता और नई शुरुआत का प्रतीक (Symbol of Auspicious Beginning)

शादी जीवन की सबसे बड़ी शुरुआत होती है। ऐसे में काजल रस्म (Kajal Ritual) इस नए जीवन के लिए:

  • सकारात्मकता का प्रतीक बनती है।
  • दूल्हे की जीवन यात्रा में सौभाग्य लाने की कामना की जाती है।
  • यह संकेत देती है कि परिवार उसके साथ है, हर परिस्थिति में संरक्षक बनकर।

5. आधुनिक संदर्भ में काजल रस्म की प्रासंगिकता (Modern Meaning of Kajal Rasam)

आज के समय में जब शादियां अधिक मॉडर्न और थीम-बेस्ड हो गई हैं, तब भी यह रस्म जस की तस निभाई जाती है। यह दर्शाता है कि:

  • परंपराएं आज भी भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं।
  • परिवारों को अपने संस्कारों पर गर्व है।
  • यह रस्म एक संस्कृति की पहचान बन गई है।

निष्कर्ष:

दूल्हे का काजल रस्म (Kajal Rasam in Marriage) केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह संस्कार, स्नेह, सुरक्षा और सौभाग्य का प्रतीक है। भाभी दूल्हे की आंख में काजल क्यों लगती है? ऐसा इसलिए क्योंकि भाभी या बुआ द्वारा दूल्हे की आंख में लगाया गया काजल सिर्फ उसकी आंखों को सजाने का माध्यम नहीं, बल्कि पूरे जीवन को दृष्टि दोष से मुक्त और शुभ ऊर्जा से भरने का एक सुंदर प्रयास है।

इस रस्म के ज़रिए यह संदेश मिलता है कि रिश्तों में जो अपनापन और प्यार होता है, वह किसी भी आभूषण या रिवाज से कहीं ज़्यादा कीमती होता है।

Kajal Rasam in Marriage: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न: शादी में बुआ दूल्हे की आंख में काजल क्यों लगाती है?

उत्तर: यह एक शुभ परंपरा है जिसका उद्देश्य दूल्हे को बुरी नजर से बचाना होता है। बुआ द्वारा काजल लगाना परिवार का आशीर्वाद और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इससे यह भी जताया जाता है कि बुआ दूल्हे की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

प्रश्न: भाभी दूल्हे की आंख में काजल क्यों लगाती है?

उत्तर: कुछ परिवारों में यह रस्म भाभी भी निभाती हैं। इसका उद्देश्य वही होता है – दूल्हे को नजर दोष से बचाना और अपनेपन का भाव जताना। यह रस्म भाभी और देवर के रिश्ते को भी मधुर बनाने वाली मानी जाती है।

प्रश्न: क्या काजल लगाने से बुरी नजर से बचा जा सकता है?

उत्तर: हां, परंपराओं के अनुसार आंख में हल्का काजल लगाना नजर दोष से सुरक्षा का प्रतीक होता है। यह एक धार्मिक और मानसिक विश्वास है जिसे कई संस्कृति में अपनाया जाता है।

प्रश्न: शादी में काजल लगाने की रस्म कब की जाती है?

उत्तर: यह रस्म आमतौर पर दूल्हे की बारात निकलने से पहले की जाती है। 

प्रश्न: काजल रस्म किसे निभाने का अधिकार होता है – बुआ या भाभी?

उत्तर: यह परिवार की परंपरा पर निर्भर करता है। कुछ जगहों पर बुआ को यह विशेष अधिकार होता है, वहीं कुछ परिवारों में भाभी यह रस्म निभाती हैं। दोनों ही दूल्हे के शुभ की कामना करती हैं।

जानिए गर्मियों के लिए 10 बेस्ट मॉइस्चराइजर के नाम in Hindi!!

पिछला लेखMarriage Muhurat May 2025: मई 2025 में शादी के शुभ मुहूर्त कौन से है?
Priyanka Sachan
प्रियांका सचान एक अनुभवी हिंदी कंटेंट राइटर हैं, जिनके लिए लेखन सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जुनून है। वे वेडिंग प्लानिंग, फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारियों को रोचक और व्यावहारिक अंदाज में प्रस्तुत करने में माहिर हैं। उनके लेख न केवल जानकारीपूर्ण होते हैं, बल्कि शादियों की हर छोटी-बड़ी तैयारी को आसान बनाने के लिए उपयोगी टिप्स और इनसाइट्स से भरपूर होते हैं। उच्च गुणवत्ता वाला, SEO फ्रेंडली कंटेंट तैयार करने में उनकी विशेष दक्षता है। ब्लॉग, रिव्यू, न्यूज और सोशल मीडिया कंटेंट लिखने में उन्हें गहरी समझ और महारत हासिल है। उनकी लेखन शैली पाठकों को जोड़ने और जानकारी को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की कला को बखूबी दर्शाती है

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें